इन राशियों के लिए शनि का परिवर्तन होगा कष्टदायी
आपको बता दें कि 24 जनवरी 2020 को पूरे 29 वर्षों के बाद नवग्रहों में सबसे विलक्षण गुणों वाले शनि अपने घर लौट रहे हैं सबसे धीरे चलने वाले ग्रह के रूप में शनि को इसी वजह से मंदाग्रह भी कहा जाता हैं शनि का यह परिवर्तन, मिथुन और तुला राशि वालों पर ढाई सालों तक प्रभाव डालता हैं अन्य राशियों के जातकों पर शनि की साढेसाती का प्रभाव लंबे समय तक बना रहेगा। वही ज्योतिष अनुसार शनि किसी भी राशि से वापसी की यात्रा 28 से तीस सालों में पूरी करता हैं वही अन्य सभी ग्रहों को इतना अधिक वक्त नहीं लगता हैं मगर शनिदेव इससे पूर्व फरवरी 1991 में मकर राशि में आए थे। इसके बाद उनकी मकर वापसी अब फिर हो रही हैं।
वही 24 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन 9.54 बजे जब मौनी अमावस्या का स्नान चल रहा होगा। तब शनि उत्तराषाढा नक्षत्र में मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यह शनि की अपनी राशि हैं वे 2022 तक फिर इसी राशि में रहेंगे। दिसंबर 2020 में इसी साल शनि धनु राशि में कुछ वक्त के लिए आएंगे। मगर फिर मार्गी होकर मकर में प्रवेश कर लेंगे। 2022 तक के ढाई सालों में शनि वक्री गति भी प्राप्त करेंगे। शनि की ढैय्या मिथुन और तुला पर चलेगी। जबकि धनु, मकर और कुंभ पर शनि की साढेसाती का प्रभाव बना रहेगा। ये तीनों राशियों के जातक लंबे समय के लिए इससे प्रभावित हो सकती हैं
वही मिथुन राशि पर शनि की ढैय्या पीड़ा, रक्त विकार, स्त्री कष्ट आदि रोगों को करणों की जनक बनेगी। इसी तरह यह ढैया तुला के जातकों के लिए भी शरीर का कष्ट, खराब संबंध, अशांति आदि का दुख दे सकती हैं।