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शनि प्रदोष 2020: श्रावण मास का आखिरी शनि प्रदोष आज, जानिए व्रत से जुड़ी बातें

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को विशेष महत्व दिया जाता हैं आज यानी 1 अगस्त को सावन महीने का आखिरी शनिप्रदोष व्रत हैं पंचांग के मुताबिक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता हैं। प्रदोष व्रत में शिव की पूजा का विधान होता हैं सावन महीने में प्रदोष व्रत पड़ने से यह
शनि प्रदोष 2020: श्रावण मास का आखिरी शनि प्रदोष आज, जानिए व्रत से जुड़ी बातें

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को विशेष महत्व दिया जाता हैं आज यानी 1 अगस्त को सावन महीने का आखिरी शनिप्रदोष व्रत हैं पंचांग के मुताबिक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता हैं। प्रदोष व्रत में शिव की पूजा का विधान होता हैं सावन महीने में प्रदोष व्रत पड़ने से यह बहुत ही शुभ माना जा रहा हैंशनि प्रदोष 2020: श्रावण मास का आखिरी शनि प्रदोष आज, जानिए व्रत से जुड़ी बातें सावन महीना शिव का प्रिय महीना हैं एक अगस्त को सावन महीने का दूसरा और अंतिम शनि प्रदोष हैं शनिदोषों से मुक्ति के लिए और शिव की कृपा पाने के लिए आज शनि प्रदोष का व्रत रखना फलदायी हैं इससे पहले सावन के महीने में शनि प्रदोष व्रत 18 जुलाई को था। श्रावण मास में एक साथ दो शनि प्रदोष का संयोग दस वर्षों बाद बना हैं। शनि प्रदोष 2020: श्रावण मास का आखिरी शनि प्रदोष आज, जानिए व्रत से जुड़ी बातेंधार्मिक मान्यताओं के मुताबिक प्रदोष व्रत को बहुत ही खास महत्व दिया जाता हैं प्रदोष व्रत कई तरह के होते हैं मान्यता है कि शिव प्रदोष काल में कैलाश पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं इसलिए इस दिन शिव की विशेष पूजा आराधना की जाती हैं उनकी पूजा से भक्तों को शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता हैंशनि प्रदोष 2020: श्रावण मास का आखिरी शनि प्रदोष आज, जानिए व्रत से जुड़ी बातें भक्तों की सभी इच्छाएं भी पूरी हो जाती हैं भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा से जुड़ा यह पावन व्रत का फल प्रत्येक वार के अनुसार अलग अलग मिलता हैं। सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष या चन्द्र प्रदोष कहा जाता हैं इस दिन साधक अपनी अभीष्ट कामना की पूर्ति के लिए शिव की पूजा करता हैंशनि प्रदोष 2020: श्रावण मास का आखिरी शनि प्रदोष आज, जानिए व्रत से जुड़ी बातें मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहा गया हैं। बुधवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को बुध प्रदोष कहा जाता हैं। गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को गुरु प्रदोष कहते हैं शुक्रवार के दिन पड़ने वाले को शुक्र प्रदोष कहा जाता हैं। शनिवार के दिन प्रदोष व्रत किया जाए तो इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता हैं।शनि प्रदोष 2020: श्रावण मास का आखिरी शनि प्रदोष आज, जानिए व्रत से जुड़ी बातें

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