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SFJ announces का समर्थक करने के लिए किसानों को 10 लाख डॉलर देने की घोषणा की

देश में हजारों की संख्या में किसान संसद में पारित कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं, इसबीच अमेरिका स्थित अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस(एफएफजे) इस मौके का लाभ उठाना चाह रहा है। संगठन ने खालिस्तान को समर्थन देने के बदले किसानों को 10 लाख डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की है। एसएफजे की
SFJ announces का समर्थक करने के लिए किसानों को 10 लाख डॉलर देने की घोषणा की

देश में हजारों की संख्या में किसान संसद में पारित कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं, इसबीच अमेरिका स्थित अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस(एफएफजे) इस मौके का लाभ उठाना चाह रहा है। संगठन ने खालिस्तान को समर्थन देने के बदले किसानों को 10 लाख डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की है।

एसएफजे की ओर से इस नए ऑफर पर सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। एजेंसियों ने तत्काल दोनों राज्यों के कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस बारे में नवीनतम जानकारी साझा की है।

अधिकारियों ने ऐसे तत्वों के खिलाफ राज्य पुलिस बलों को तत्काल कार्रवाई करने को कहा है, जो किसान प्रदर्शनों के बीच भारत-विरोधी एजेंडा को आगे बढ़ा रहे हैं।

किसानों के मौजूदा प्रदर्शन का लाभ उठाते हुए, एसएफजे ने कहा कि वह कृषि ऋण न चुका पाने वाले किसानों के बीच 10 लाख डॉलर का वितरण करेगा।

एसजेएफ ने कहा, “1 अक्टूबर से 8 अक्टूबर के बीच किसी भी धर्म से ताल्लुक रखने वाले किसान खालिस्तान रेफ्रेंडम 2020 के लिए 25 वोट रजिस्टर कर सकते हैं और अपने कृषि लोन को चुकाने के लिए 5,000 रुपये की सहायता प्राप्त कर सकते हैं।”

एसएफजे के जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिह पन्नून ने भारत सरकार के नए कृषि बिल को उपनिवेशी एजेंडा बताया, जो किसानों से अंतत: उनकी जमीन छीन लेगी। पन्नून ने कहा, “मोदी सरकार पंजाब और हरियाणा के किसानों को कंगाल बनाकर उन्हें गुलाम बनाना चाहती है। एसएफजे ने हरियाणा के किसानों को भी शामिल किया है, क्योंकि हम हरियाणा को भी खालिस्तान का हिस्सा मानते हैं।”

यह बताना जरूरी है कि 21 सितंबर से 20 अक्टूबर तक चलने वाले एसएफजे के ‘डोर टू डोर’ वोटर पंजीकरण के तत्वाधान में, इस कट्टरपंथी सिख समूह ने अब तक पंजाब के 12,000 गांवों में वोट रजिस्टर करने के लिए 400 ‘रेफ्रेंडम एंबेसेडर’ की नियुक्ति की है। वोटों के पंजीकरण के लिए ऐसे प्रत्येक नियुक्त लोगों को 7500 रुपये दिए जाएंगे।

एक खुफिया अधिकारी और एनआईए के दो अधिकारियों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया था कि एसएफजे ने यह रणनीति उसके कनाडा और रूसी पोर्टल के ऑनलाइन ‘रेफ्रेंडम 2020’ विफल होने के बाद उठाया है।

एसएफजे ने नवंबर में इस वर्ष ‘रेफ्रेंडम 2020’ कैंपेन को आयोजित करने की घोषणा की थी। इससे पहले, समूह ने रेफ्रेंडम से पहले पंजाब के किसानों को लुभाने के लिए प्रत्येक किसानों को 3500 रुपये की राशि की पेशकश की थी।

एनआईए की अनुशंसा के आधार पर, गृह मंत्रालय ने सितंबर की शुरुआत में एसएफजे के प्रमुख नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून और हरदीप सिंह निज्जर की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था।

पन्नू एसएफजे का जनरल काउंसिल है, जबकि निज्जर ‘रेफ्रेंडम 2020’ का कनाडा कोर्डिनेटर।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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