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सेरोगेसी जो नही बन सकती उन महिलाओं के लिए बना वरदान जाने इस बारे में ।

जयपुर । निःसंतान लोगों महिलाओं के लिए वरदान कही जाने वाली सेरोगेसी आज कल बहुत ज्यादा चर्चा में भी है आज ही नही पहले भी बहुत सी महिलाएं ऐसी थी जो किन्ही कारणों से माँ नही बन पाती थी पर उनको इस निराशा के साथ जीना पड़ता था ना ही वह बच्चे को जन्म दे
सेरोगेसी जो नही बन सकती उन  महिलाओं के लिए बना वरदान जाने इस बारे में ।

जयपुर । निःसंतान लोगों महिलाओं के लिए वरदान कही जाने वाली सेरोगेसी आज कल बहुत ज्यादा चर्चा में भी है आज  ही नही पहले भी बहुत सी महिलाएं ऐसी थी जो किन्ही कारणों से माँ नही बन पाती थी पर उनको इस निराशा के साथ जीना पड़ता था ना ही वह बच्चे  को जन्म दे सकती  थी ना ही उस सुख को जी सकती थी पर आज कल की जीवन शेली के कारण यह परेशानी महिलाओं में और भी ज्यादा बढ़ गई है जिसकी वजह से माँ न बन पाने का अभिशाप उनको झेलना पड़ता है कुछ लाइफ़स्टायल ऐसा हो गया है कुछ बीमारियों के कारण ऐसा  हो रहा ही की वह माँ बनने का सुख नही पा रही है ऐसे में उनके दुख को कोई नही समझ सकता ।सेरोगेसी जो नही बन सकती उन  महिलाओं के लिए बना वरदान जाने इस बारे में ।

माँ ना बन पाना उस जीवन को नही जी पाना किसी अभिशाप से कम नही है लोग उनके दर्द को समझते भी नही है और उनको कई तरह के तानों को भी सहन करना पड़ता है और तो और खुद उनका जीवन साथी भी उनका दर्द नही समझ पाता । जो महिलाएं या लड़कियां माँ नहीं बन सकती जिनको कुछ परेशानी होती है उनके  अंदर एक खाली पन निराशा भर जाती है और लोगों को यह बात समझ नही आती की वह किस तकलीफ से गुजर रही हैं उनको कैसा लग रहा होता है । आज हम आपकी ऐसी ही महिलाओं की परेशानी का हल बताने जा रहे हैं आइये जानते हैं की क्या है सेरोगेसी और कैसे मददगार साबित होती है यह एक वरदान की तरह ।सेरोगेसी जो नही बन सकती उन  महिलाओं के लिए बना वरदान जाने इस बारे में ।

सेरोगेसी के लिए केबिनेट ने बिल पास किया है की सिंगल लोग , लीव इन रिलेशन में रहने वाले लोग और समलेंगीक लोग भी इस प्रक्रिया को अपना सकते पहले यह प्रक्रिया सिर्फ उन लोगों के लिए थी जो माँ बाप बन पाने में सक्षम नहीं थे ।

सेरोगेसी जो नही बन सकती उन  महिलाओं के लिए बना वरदान जाने इस बारे में ।

सेरोगेसी क्या है :- सेरोगेसी का मतलब है किराए की कोख इसके दो  प्रकार है जिसमें किसी रिश्तेदार या फिर किसी महिला जो इस काम के लिए  तैयार हो उसकी बच्चेदानी में पहले प्रकार में पुरुष के शुक्राणु , दूसरी में महिला पुरुष दोनों के अंडाणु और शुक्राणु को परख नली में टेस्ट कर प्रत्यारोपित किया जाता है और वह महिला उस बच्चे को नो महीने तक अपनी कोख में पलटी है और जन्म देने के बाद बच्चा उस दंपति को सौंप दिया जाता है जिनका वह है । इस तरह सेरोगेसी की जाती है और यह ज़्यादातर सिस्ट के कारण , बच्चेदानी के कमजोर होने के कारण , आईवीएफ़ के फेल हो जाने के कारण किया जाने वाली प्रक्रिया है ।सेरोगेसी जो नही बन सकती उन  महिलाओं के लिए बना वरदान जाने इस बारे में ।

 

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