Samachar Nama
×

छात्रों और शिक्षकों के लिए फलदायी हैं वृश्चिक संक्रांति

वृश्चिक संक्रांति छात्रों और शिक्षकों के लिए बहुत ही खास महत्व रखती हैं। यह विशेष भी मानी जाती हैं सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता हैं। सूर्य जब तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करता हैं तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता हैं। वही हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक हर साल कुल 12 संक्रांति आती हैं
छात्रों और शिक्षकों के लिए फलदायी हैं वृश्चिक संक्रांति

वृश्चिक संक्रांति छात्रों और शिक्षकों के लिए बहुत ही खास महत्व रखती हैं। यह विशेष भी मानी जाती हैं वही सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता हैं। सूर्य जब तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करता हैं तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता हैं।छात्रों और शिक्षकों के लिए फलदायी हैं वृश्चिक संक्रांति वही हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक हर साल कुल 12 संक्रांति आती हैं और हर राशि में सूर्य एक महीने तक रहता हैं। सूर्य के इसी भ्रमण की स्थिति को संक्रांति कहा जाता हैं। हर संक्रांति का अपना अलग महत्व होता हैं संक्रांति को बहुत ही पवित्र दिनों में से एक माना जाता हैं। इसलिए इसे हिंदू धर्म में पर्व भी कहा गया हैं।छात्रों और शिक्षकों के लिए फलदायी हैं वृश्चिक संक्रांति संक्रांति एक सौर घटना होती हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में संक्रांति की तिथि और समय को बहुत ही महत्व दिया जाता हैं। संक्रांति के दिन पितृ तर्पण, दान, धर्म और स्नान आदि का बहुत महत्व होता हैं। इस वैदिक उत्सव को भारत के कई जगहों पर धूम धाम से मनाया जाता हैं।छात्रों और शिक्षकों के लिए फलदायी हैं वृश्चिक संक्रांति

वृश्चिक संक्रांति इस बार गुरुवार यानी आज हैं। इससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता हैं। यह संक्रांति धार्मिक व्यक्तियों, वित्तीय कर्मचारियों, छात्रों व शिक्षकों के लिए बहुत ही शुभ मानी जाती हैं। वृश्चिक संक्रांति के विशिष्ट पूजन व उपाय से धन से जुड़ी सभी तरह के समस्याओं का निदान हो जाता हैं और छात्रों को परीक्षा में सफलता हासिल होती हैं और करियर में भी उन्नति होती हैं।छात्रों और शिक्षकों के लिए फलदायी हैं वृश्चिक संक्रांति

वृश्चिक संक्रांति छात्रों और शिक्षकों के लिए बहुत ही खास महत्व रखती हैं। यह विशेष भी मानी जाती हैं सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता हैं। सूर्य जब तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करता हैं तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता हैं। वही हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक हर साल कुल 12 संक्रांति आती हैं छात्रों और शिक्षकों के लिए फलदायी हैं वृश्चिक संक्रांति

Share this story