Samachar Nama
×

चुनौतियों का मुकाबले करते हुए SCO ने किया सहयोग मजबूत

शागंहाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के प्रमुखों (प्रधानमंत्रियों) का 19वां सम्मेलन 30 नवम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के रूप में आयोजित हुआ, जिसमें आर्थिक व्यापारिक क्षेत्र में कई सहयोग दस्तावेजों और निर्णय की पुष्टि की गई। जाहिर है कि दुनिया में कोविड-19 महामारी से ग्रस्त होने और आर्थिक ह्रास होने की पृष्ठभूमि में एससीओ
चुनौतियों का मुकाबले करते हुए SCO ने किया सहयोग मजबूत

शागंहाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के प्रमुखों (प्रधानमंत्रियों) का 19वां सम्मेलन 30 नवम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के रूप में आयोजित हुआ, जिसमें आर्थिक व्यापारिक क्षेत्र में कई सहयोग दस्तावेजों और निर्णय की पुष्टि की गई। जाहिर है कि दुनिया में कोविड-19 महामारी से ग्रस्त होने और आर्थिक ह्रास होने की पृष्ठभूमि में एससीओ वास्तविक सहयोग मजबूत कर रहा है। सम्मेलन में पारित विज्ञप्ति में बल दिया गया कि सहयोग को गहराया जाए, पारदर्शी, खुले, समावेशी, निष्पक्ष और गैर-भेदभाव वाले सिद्धांत के आधार पर विश्व व्यापार संगठन के नियम की प्रधानता वाली बहुपक्षीय व्यापारिक व्यवस्था का समर्थन करते हुए समान विकास किया जाए। खुली विश्व अर्थव्यवस्था का संवर्धन किया जाए। मौजूदा सम्मेलन में सदस्य देशों ने ‘एससीओ बहुपक्षीय आर्थिक व्यापारिक सहयोग रूपरेखा की कार्यान्वयन योजना’ की पुष्टि की, और आगामी पांच सालों में व्यापार निवेश, बैकिंग वित्त, उद्योग, कृषि, ऊर्जा, कस्टम, डिजिटलीकरण, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, यातायात, क्षेत्रीय विकास, अंतरराष्ट्रीय सहयोग आदि 13 क्षेत्रों में 78 कदम घोषित किए।

आर्थिक व्यापारिक सहयोग लंबे समय में एससीओ सहयोग का मुख्य क्षेत्र रहा। इस संगठन की स्थापना से लेकर अब तक आर्थिक सहयोग संगठन के स्थिर निरंतर विकास की प्रेरित शक्ति रहा है। चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने सम्मेलन में ‘वैज्ञानिक तकनीकी नवाचार की नेतृत्वकारी भूमिका निभाने’ संबंधी प्रस्ताव पेश किया। चीन ने कहा कि एससीओ वैज्ञानिक तकनीकी नवाचार सहयोग तंत्र को संपूर्ण किया जाए, सक्रिय रूप से स्मार्ट शहर के निर्माण किया जाए, कृत्रिम बुद्धि और बड़े डेटा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत किया जाए। साथ ही महामारी की पृष्ठभूमि में ऑनलाइन अर्थतंत्र का अच्छी तरह विकास किया जाए, डिजिटल अर्थतंत्र और वास्तविक अर्थव्यवस्था के एकीकृत विकास का संवर्धन किया जाए, नए उद्योग का विकास किया जाए। एससीओ सदस्य देशों के बौद्धिक संपदा अधिकार सहयोग दस्तावेजों का ठोस रूप से कार्यान्वयन किया जाए, सृजनात्मक विकास का संरक्षण करते हुए इसे प्रेरित किया जाए।

विश्लेषकों का विचार है कि सन 2001 में अपनी स्थापना के बाद से लेकर अब तक, एससीओ सदस्यों की मांग और स्थिति में परिवर्तन के मुताबिक विकास पर ध्यान देता है। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति में बड़ा परिवर्तन आया, अनिश्चितता बढ़ गई, एससीओ सदस्य देशों के बीच वास्तविक सहयोग की मजबूती से विभिन्न पक्षों को ज्यादा सुरक्षा की भावना और निश्चितता मिलेगी।

भारत के मुंबई ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के पूर्व अध्यक्ष सुधींद्र कुलकर्णी के विचार में एससीओ एक महत्वपूर्ण बहुपक्षीय मंच है, जिसके सदस्यों में यूरोप और एशिया दोनों महाद्वीपों के अहम देश शामिल हैं। इस तरह एससीओ को आर्थिक सहयोग मजबूत करना चाहिए, ताकि महामारी से पैदा कु-प्रभाव को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न सदस्यों के बीच आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सहयोग के गहरे विकास से शांगहाई सहयोग संगठन अंतरराष्ट्रीय मामलों में और व्यापक रूप से भाग ले सकेगा।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

 

Share this story