Samachar Nama
×

अब गाड़ियों के टायर तैयार करने में काम आयेंगे टमाटर और अण्डे के छिलकें

हाल ही में एक शोध किया गया जिसमें सामने आया है कि टमाटर और अण्डे के छिलकों में कार्बन ब्लैक पाया जाता है, जो विशेषत गाडियों के टायरों के निर्माण में काम में आता है। एक तैयार टायर में कार्बन ब्लैक की मौजूदगी 30 फीसदी होती है। पेट्रोलियम की बढ़ती खपत के कारण इस शोध को काफी सराहना मिल रही है।
अब गाड़ियों के टायर तैयार करने में काम आयेंगे टमाटर और अण्डे के छिलकें

जयपुर। अभी तक आपने यही सुना होगा कि गाड़ियों के टायर रबड़ से तैयार किये जाते हैं। लेकिन हाल ही में किये गये एक ताजा रिसर्च के दौरान सामने आया है कि गाड़ियों के टायर को टमाटर और अण्डे के छिलकों की मदद से भी तैयार किये जा सकते हैं।

अब गाड़ियों के टायर तैयार करने में काम आयेंगे टमाटर और अण्डे के छिलकें

रिसर्च में ये इस बात का खुलासा हुआ है टमाटर और अण्डे के छिलकों में भी कार्बन ब्लैक पाया जाता है। यह कार्बन वही है जो टायर के बनाने में काम में लिया जाता है। अभी तक तो टायर का निर्माण केवल पेट्रोलियम पर आधारित था। ​लेकिन इस नई खोज के बाद टायरों को टमाटर के छिलके और अण्डे के छिलकों से भी तैयार किया जा सकता है।

अब गाड़ियों के टायर तैयार करने में काम आयेंगे टमाटर और अण्डे के छिलकें

दुनिया में पेट्रोलियम की घटती मात्रा के कारण आये दिन टायरों की कीमतों में इजाफा होता रहता है। अगर इस समय ये तकनीक सफल हो जाती है, तो सभी और से फायदा पहुंचेगा। वैज्ञानिक बताते है कि गाडियों के टायरों तैयार करने के लिए पेट्रोलियम का इस्तेमाल किया जाता है।

अब गाड़ियों के टायर तैयार करने में काम आयेंगे टमाटर और अण्डे के छिलकें

धीरेे—धीरे दुनियां से पेट्रोलियम की मात्रा की होती जा रही है और इसके दामों में वृद्धि होती जा रही है। यही एक कारण है कि जैसे—जैसे समय बढ़ता जा रहा है वैसे ही गाडियों के टायरों की कीमत भी बढ़ती जा रही है।

अब गाड़ियों के टायर तैयार करने में काम आयेंगे टमाटर और अण्डे के छिलकें

और गौर करने वाली बात ये है कि एक तैयार टायर में कार्बन ब्लैक की मौजूदगी 30 फीसदी होती है। ऐसी स्थिति में अगर अण्डें के छिलकों और टमाटर के छिलकों का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह बहुत ही कामगार तकनीक होगी।

हाल ही में एक शोध किया गया जिसमें सामने आया है कि टमाटर और अण्डे के छिलकों में कार्बन ब्लैक पाया जाता है, जो विशेषत गाडियों के टायरों के निर्माण में काम में आता है। एक तैयार टायर में कार्बन ब्लैक की मौजूदगी 30 फीसदी होती है। पेट्रोलियम की बढ़ती खपत के कारण इस शोध को काफी सराहना मिल रही है। अब गाड़ियों के टायर तैयार करने में काम आयेंगे टमाटर और अण्डे के छिलकें

Share this story