Samachar Nama
×

आने वाले समय में छोटी विलुप्त प्रजाति होंगी अस्तित्व में

वैज्ञानिकों ने एक शोध के बाद कहा है कि आने वाले 100 सालों में हाल ही में विलुप्ति की कगार पर रहे जानवरों का अस्तित्व पुन: बन जायेगा। इसका कारण मनुष्य में इनके प्रति जागरूकता को बताया गया हैं। इनके अस्तित्व के बाद वातावरण भी संतुलन में होने की संभावना है। इस विलुप्त प्रजाति में छोटे जीवों का शामिल किया गया है। जिसमें चूहे, सफेद धारियों वाली गौरेया, कुतरकर खाने वाले जीव आदि शामिल हैं।
आने वाले समय में छोटी विलुप्त प्रजाति होंगी अस्तित्व में

जयपुर। दुनियाभर में विलुप्त हो रहे  छोटे स्तनापायी जीवों को बचाने के लिए प्रत्येक देश की सरकारे पूरे जोर से प्रयास कर रही है। इनके अस्तित्व को बचाने के लिए नए—नए कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

आने वाले समय में छोटी विलुप्त प्रजाति होंगी अस्तित्व में

हाल ही में इन्ही प्रयासों पर जब शोध किया गया तो पाया कि आने वाले 100 साल में विलुप्ति की कगार पर आ रही प्रजातियों को बचाने के प्रयास सफल हो जायेगे। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी आॅफ साउथैंपटन के शोधकर्ताओं ने छोटे जीवों के अगले 100 साल के भविष्य पर आकलन कर इस बात की जानकारी दी।

आने वाले समय में छोटी विलुप्त प्रजाति होंगी अस्तित्व में

शोधकताओं का कहना है कि यह लोगों में जागरूकता का ही प्रभाव है कि इनके प्रति आकृषित होकर वो इनको बचाने की मुहिम में देश का साथ निभा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पता लगा है कि भविष्य में, छोटे अधिक प्रजनन क्षमता वाले कीटों को खाने वाले जीवों का प्रभुत्व रहेगा।

आने वाले समय में छोटी विलुप्त प्रजाति होंगी अस्तित्व में

ये जीव उस श्रेणी में आते है, जो अनेक प्रकार के पर्यावास बनाते हैं। इनके अस्तित्व में आने से पर्यावरण पर भी काफी प्रभाव पडेगा। इनके अस्तित्व से पृथ्वी का वातावरण संतुलन में आ सकता है। कहा जा रहा है कि यदि इनका प्रभुत्व हो गया तो बाकि जीव, जो इन जैसे जीवों पर निर्भर रहते हैं उनका अस्तित्व भी खरते की श्रेणी में आने से रूक जायेगा।

आने वाले समय में छोटी विलुप्त प्रजाति होंगी अस्तित्व में

वैज्ञानिकों ने इन जीवों में शामिल होने वाले जीव कुछ इस प्रकार से है चूहे, सरीखे दिखने वाले ड्वार्फ, गर्बिन जैसे कुतरकर खाने वाले जीव औ सफेद धारिया वाली गौरेया आदि आते है। इस पूरी रिपोर्ट की जानकारी क्म्यूनिकेशन्स पत्रिका में प्रकाशित की गई है।

वैज्ञानिकों ने एक शोध के बाद कहा है कि आने वाले 100 सालों में हाल ही में विलुप्ति की कगार पर रहे जानवरों का अस्तित्व पुन: बन जायेगा। इसका कारण मनुष्य में इनके प्रति जागरूकता को बताया गया हैं। इनके अस्तित्व के बाद वातावरण भी संतुलन में होने की संभावना है। इस विलुप्त प्रजाति में छोटे जीवों का शामिल किया गया है। जिसमें चूहे, सफेद धारियों वाली गौरेया, कुतरकर खाने वाले जीव आदि शामिल हैं। आने वाले समय में छोटी विलुप्त प्रजाति होंगी अस्तित्व में

Share this story