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वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे छोटे इंजन की खोज की है

वैज्ञानिकों ने विश्व का सबसे छोटा इंजन बनाया है जिसका आकार कार के इंजन के मुकाबले 10 अरब गुणा छोटा है और कैल्शियम के एक आयन के बराबर है। प्रकाश से चलने वाला यह इंजन छोटे मशीनों के विकास में मददगार साबित हो सकता है। इससे पानी के अंदर दिशा की पहचान करने, आसपास के वातावरण को समझने या जीवित कोशिकाओं में प्रविष्ट करा कर बीमारियों से लड़ने में मदद मिल सकती है।
  वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे छोटे इंजन की खोज की है

वैज्ञानिकों ने विश्व का सबसे छोटा इंजन बनाया है जिसका आकार कार के इंजन के मुकाबले 10 अरब गुणा छोटा है और  कैल्शियम के एक आयन के बराबर है। प्रकाश से चलने वाला यह इंजन छोटे मशीनों के विकास में मददगार साबित हो सकता है। इससे पानी के अंदर दिशा की पहचान करने, आसपास के वातावरण को समझने या जीवित कोशिकाओं में प्रविष्ट करा कर बीमारियों से लड़ने में मदद मिल सकती है।  वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे छोटे इंजन की खोज की है

जर्मनी के जोहानस गुटनबर्ग विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक भविष्य में ऐसे उपकरणों को बेकार हुई ऊर्जा को पुनर्चक्रित करने के लिहाज से अन्य प्रौद्योगिकियों में प्रयुक्त कर ऊर्जा क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इस उपकरण का निर्माण सोने के छोटे आवेशित कणों से किया गया है।

  वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे छोटे इंजन की खोज की है

जब लेजर की मदद से ‘नैनो-इंजन’ को एक निश्चित तापमान तक गर्म किया जाता है तो यह 1 सेकेण्ड के कुछ हिस्सों में ही बहुत अधिक मात्रा में प्रत्यास्थ ऊर्जा एकत्रित कर लेता है। इस  उपकरण को गर्म करने पर पॉलीमर पानी ग्रहण कर लेता है और फैल जाता है एवं सोने के छोटे कण स्प्रिंग की तरह मजबूती एवं तेजी से फैल जाते हैं। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि थर्मोडायनमिक्स को सूक्ष्मदर्शी यंत्रों के विन्यास में कैसे लागू किया जा सकता है, यह समझना भविष्य की प्रौद्योगिकियों के लिए बहुत आवश्यक है। इस अनुसंधान में यह समझाया गया है कि अनियमित उतार-चढ़ाव किस प्रकार से सूक्ष्मदर्शी यंत्रों के संचालन को प्रभावित करते हैं।  वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे छोटे इंजन की खोज की है

इसमे कैल्शियम के एक आयन जितना बड़ा यह इंजन चार्ज्ड पार्टिकल है और इस वजह से विद्युत क्षेत्र के इस्तेमाल से इसका पता लगा पाना आसान होता है। नैनो-मशीनों का विकास वैज्ञानिकों के लंबे समय का सपना रहा है लेकिन अब तक उस दिशा में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि नयी पद्धति बहुत आसान है और यह बहुत तेज हो सकता है एवं बहुत अधिक बल का प्रयोग करने में सक्षम है।  वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे छोटे इंजन की खोज की है

वैज्ञानिकों ने विश्व का सबसे छोटा इंजन बनाया है जिसका आकार कार के इंजन के मुकाबले 10 अरब गुणा छोटा है और कैल्शियम के एक आयन के बराबर है। प्रकाश से चलने वाला यह इंजन छोटे मशीनों के विकास में मददगार साबित हो सकता है। इससे पानी के अंदर दिशा की पहचान करने, आसपास के वातावरण को समझने या जीवित कोशिकाओं में प्रविष्ट करा कर बीमारियों से लड़ने में मदद मिल सकती है। वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे छोटे इंजन की खोज की है

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