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वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में विकसित की इंसानी आंख

जयपुर। वैज्ञानिक इंसान की हर कमी को पूरा करने के लिए हर पहर कोशिश करते रहते हैं। इनके शोध हमेशा कुदरत से ही कॉपी रहते हैं। इसी तरह से ये कई नये नये अविष्कार करते रहते हैं। इसी दिशा में हाल ही में एक नई सफलता हासिल कर रहे है। आपको बाते दे कि शोधकर्ताओं
वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में विकसित की इंसानी आंख

जयपुर। वैज्ञानिक इंसान की हर कमी को पूरा करने के लिए हर पहर कोशिश करते रहते हैं। इनके शोध हमेशा कुदरत से ही कॉपी रहते हैं। इसी तरह से ये कई नये नये अविष्कार करते रहते हैं। इसी दिशा में हाल ही में एक नई सफलता हासिल कर रहे है। आपको बाते दे कि शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में कृत्रिम कॉर्निया बनाने में कामयाबी हासिल की है। आपको बता दे कि ये तकनीक आने वाले समय में अंधेपन का निवारण करने में अहम भूमिका निभाएगी।वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में विकसित की इंसानी आंख

इससे लोगों में अंधेपन की समस्या दूर हो जायेगी। आपको बता दे कि अमेरिकी वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल्स से यह कॉर्निया विकसित किया है। वैज्ञानिकों ने यह कॉर्निया उन लोगों के लिए वरदान बताया है जिनकी आंखें किसी रसायन से खराब हो जाती है या किसी कारम से अंधापन आ जाता है। वैज्ञानिकों ने शोध के बारे में बताया कि शोध के लिए इन्होंने वयस्क स्टेम सेल से शारीरिक ऊतकों का विकास किया गया हैं।वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में विकसित की इंसानी आंख

अमेरिका के मैसाचुएट्‍स आई एंड इयर रिसर्च इंस्टीट्‍यूट के एक शोध दल ने इसके बारे में बताया कि नई खोज से अंधेपन जैसी समस्या को कम किया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने इस तकनीक से कॉर्निया को नष्ट होने के बाद भी फिर से विकसित किया जा सकता है।  जानकारी दे दे कि वैज्ञानिकों ने एबीसीबी 5 नामक एक विशेष मॉलिक्यूल का इस्तेमाल किया है। बता दे कि यह तत्व दुर्लभ लिम्बल स्टेम सेल्स के अंदर पाया जाता है। जानकारी दे दे कि लिम्बल स्टेम सेल्स आंख की बेसल लिम्बल इपीथैलियम में पाया जाता है और इसी की मदद से कॉर्नियल टिशू को फिर से विकसित किया जा सका है।वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में विकसित की इंसानी आंख

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