जॉब करने वाली महिलाओं के बच्चे होते है ज्यादा मोटे
जयपुर। कहा जाता है कि बच्चों में मोटापा खानपान के हिसाब बढ़ता और घटता है। पर हाल ही में एक अध्ययन के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि बच्चों में मोटापे का उनके खानपान के अलावा भी हो सकता है। अध्ययन में बताया गया है कि बच्चे का मोटा होना उसकी मा के जॉब पर भी निर्भर होता है।
भले ही ये बात आपकों सूनने में अजीब लगे लेकिन हाल ही में लंदन की यूनिवर्सिटी एक रिसर्च टीम के मुताबित कामकाजी औरत के बच्चों में मोटापा सबसे ज्यादा देखा जाता है। रिपोर्ट में बताया गया कि सामान्य मां के बच्चों के मुकाबले कामकाजी मां के बच्चे ज्यादा मोटे होते है क्योंकि कामकाजी महिला बच्चों के बजाय जॉब पर ज्यादा ध्यान देती है।
जब अध्ययन किया गया,तो सामने आया कि कामकाजी महिला के लगभग 29 प्रतिशत बच्चें ठीक से व टाईम पर नाश्ता न करने की वजह से मोटो हो गये। इसके अलावा 19 प्रतिशत बच्चे ऐसे भी थे जो दिन में तीन घंटे से ज्यादा समय तक टीवी से मोटापे के शिकार हो गये।
यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एम्ला ने बताया कि इस अध्ययन में 20 हजार को शामिल किया गया था। इसी के अनुसार पता लग पाया कि सामान्य वुमन के मुकाबले वर्किंग वुमन के बच्चे ज्यादा मोटे होते हैं। उन्होंने पाया कि जो महिलाए जॉब जाती है उनके बच्चों के लिए नाश्ते चीजों में घर के खाने के बजाय बिस्कुट, दालमोट, चॉकलेट आदि थे।
जो बच्चे 10 साल या इससे छोटी उम्र के है वो टीवी देखने के दौरान बार बार इन्ही चीजों का इस्तेमाल करते हैं।