Samachar Nama
×

वैज्ञानिकों ने बनाई एक ऐसी बैटरी जो जासूसी एजेंसियों के लिए होगी वरदान साबित

वैज्ञानिकों ने अपने एक नए अध्ययन में एक ऐसी बैटरी को बनाने में सफलता हासिल की है जो कि काम में लेने के बाज अपने आप नष्ट हो जाती है। इस बैटरी की मदद से 15 मिनट तक किसी साधारण इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को पावर दे सकते हैं। और फिर ये पानी में डालने पर नष्ट
वैज्ञानिकों ने बनाई एक ऐसी बैटरी जो जासूसी एजेंसियों के लिए होगी वरदान साबित

वैज्ञानिकों ने अपने एक नए अध्ययन में एक ऐसी बैटरी को बनाने में सफलता हासिल की है जो कि काम में लेने के बाज अपने आप नष्ट हो जाती है। इस बैटरी की मदद से 15 मिनट तक किसी साधारण इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को पावर दे सकते हैं। और फिर ये पानी में डालने पर नष्ट हो जाती है। बताया जा रहा है कि वैज्ञानिकों का बनाया ये उपकरण जासूसी एजेंसी के बेहद काम आ सकता है।

इंजीनियरों ने बताया कि ये बैटरी अन्य बैटरियों से एकदम अलग है। जो कि एक साधारण इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चार्ज करने में सक्षम होने के साथ-साथ फिर आधे घंटे के बाद पानी में नष्ट हो जाती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि बैटरी का बाहर का कवर एक पॉलीमर से बना हुआ है, जो कि कई मॉलीक्यूल्स की चैम से बना हुआ है। इसके मॉलीक्यूल्स पानी में डालते ही आपस में टूट जाते हैं।

आगे वैज्ञानिकों ने बताया कि इस बैटरी को पूरी तरह से नष्ट होने में लगभग 30 मिनट का समय लगता है।  जबकि अन्य केमिकल से बनी बैटरियां कई घंटों या दिनों में नष्ट होती है। बैटरी से लगभग 2.7 वोल्ट की एनर्जी ली जा सकती है। जो कि पारंपरिक बैटरी की क्षमता के लगभग समान ही है। हालांकि, लिथियम का उपयोग करके बायोमेडिकल के एरिया में ऐसी कई तरह की बैटरियां बनाई जा चुकी है लेकिन फिर भी ये बैटरी ​​सेना या पर्यावरणीय प्रयोजनों के लिए काफी कारगर साबित हो सकती है।

 

Share this story