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भारतीय सीमा में प्रवेश की कोशिश के दौरान घोटाला आरोपी बांग्लादेशी गिरफ्तार

बांग्लादेश में फर्जी कोविड रिपोर्ट मामले के मुख्य आरोपी और धनशोधन व धोखाधड़ी वाले फंड सिंडिकेट को चलाने में वांछित रीजेंट ग्रुप के चेयरमैन मोहम्मद शाहेद को नौ दिनों की तलाश के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। वह इच्छामती नदी के माध्यम से भारत भागने की कोशिश कर रहा था और अपनी पहचान छिपाने
भारतीय सीमा में प्रवेश की कोशिश के दौरान घोटाला आरोपी बांग्लादेशी गिरफ्तार

बांग्लादेश में फर्जी कोविड रिपोर्ट मामले के मुख्य आरोपी और धनशोधन व धोखाधड़ी वाले फंड सिंडिकेट को चलाने में वांछित रीजेंट ग्रुप के चेयरमैन मोहम्मद शाहेद को नौ दिनों की तलाश के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। वह इच्छामती नदी के माध्यम से भारत भागने की कोशिश कर रहा था और अपनी पहचान छिपाने के लिए उसने बुर्का पहन रखा था।

शाहेद को कोमारपुर गांव में लबंगबोती नदी के किनारे से एक विशेष अभियान में गिरफ्तार किया गया। उसके पास से अवैध असलहा मिला है।

उसकी गिरफ्तारी के साथ ही रीजेंट अस्पताल धोखाधड़ी मामले में आरोपी 18 लोगों में से 11 को गिरफ्तार कर लिया गया है।

शाहेद पर सरकार के साथ समझौते का उल्लंघन करते हुए परीक्षण और उपचार के लिए फर्जी कोविड-19 प्रमाणपत्र जारी करने और कोरोना वायरस रोगियों से बड़ी मात्रा में अवैध रूप से धन लेने का आरोप है। रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) की एक मोबाइल अदालत ने सात जुलाई को रीजेंट ग्रुप के प्रधान कार्यालय और ढाका में रीजेंट अस्पताल की उत्तरा और मीरपुर शाखाओं को बंद कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेशी प्रवासियों और पर्यटकों की नकली कोविड परीक्षण रिपोर्टों के कारण इटली और जापान ने बांग्लादेश की उड़ानों को स्थगित कर दिया था।

अब तक, पीड़ितों और पुलिस द्वारा शाहेद के खिलाफ ढाका, चटगांव, बारिसाल और खुलना में 59 मामले दर्ज किए गए हैं। ज्यादातर मामले पहले दायर किए गए थे, लेकिन शाहेद किसी तरह जमानत पाने में कामयाब रहा।

शाहेद को बुधवार सुबह सतखीरा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया और हेलीकॉप्टर द्वारा ढाका रवाना किया गया। आरएबी के कानूनी व मीडिया विंग के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल आशिक बिलाह ने कहा कि वह सुबह नौ बजे राजधानी में उतरा।

रीजेंट हॉस्पिटल के अधिकारियों ने मरीजों से कथित तौर पर प्रत्येक कोविड परीक्षण के लिए 3,500 बांग्लादेशी टका लिया, जिसका अर्थ है कि मरीजों का परीक्षण और मुफ्त में इलाज प्रदान करने के लिए सरकार के साथ एक समझौता होने के बावजूद उन्होंने लोगों से 3.5 करोड़ से अधिक टका हड़प लिया।

आरएबी की खुफिया शाखा के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल सरवर बिन कासेम ने कहा, “शाहेद इच्छामती नदी के रास्ते भारत भागना चाहता था। वह अपनी दाढ़ी और बाल काटने के बाद बुर्का पहनकर एक नाव पर चढ़ गया। आरएबी ने उसे लोगों की पिटाई से बचाया। हम उसे ढाका लाने में सफल रहे।”

सतखीरा में प्रत्यक्षदर्शियों ने आईएएनएस को बताया कि जब वे सुबह मस्जिद से निकल रहे थे, तो उन्होंने आरएबी के एक काफिले को लबंगबोती नदी पर पुल पार करते देखा। उसके बाद उन्होंने आरएबी टीम के एक सदस्य को बुर्का पहने हुए शाहेद को गिरफ्तार करते देखा। गुस्साए स्थानीय लोगों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। आरएबी टीम ने उसे लोगों से बचाया।

शाहेद ने सत्तारूढ़ अवामी लीग में शामिल होने के बाद मंत्रियों और प्रभावशाली लोगों से संपर्क का इस्तेमाल किया। उसने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री शेख हसीना और राष्ट्रपति अब्दुल हमीद के साथ अपनी तस्वीरें भी पोस्ट कीं। उसे तस्वीरों में भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ भी देखा गया था।

पुलिस ने कहा कि शाहेद ने 2016-2017 में लोगों को धोखा देने और उनसे पैसे हड़पने की शुरुआत की। अवैध बंदूकधारियों के बल पर वह पैसे वसूलता और जो लोग पैसा मांगते उन्हें यह कह कर धमकाता कि ‘जानते हो, मैं प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपनी जेब में रखता हूं।’

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में संसद में कहा कि शाहेद के धोखाधड़ी सिंडिकेट की जांच सरकार की खुफिया एजेंसियों द्वारा की गई है और इस सिंडिकेट से जुड़े दोषियों को दंडित करने के लिए कदम उठाए गए हैं।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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