Samachar Nama
×

कब है सावन शिवरात्रि व्रत, जानिए पूजा विधि और महत्व

सावन के महीने में कई सारे व्रत और त्योहार पड़ती हैं इसी में एक है शिवरात्रि का पर्व, 19 जुलाई को सावन शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा। पंचांग के मुताबिक हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाती हैं शिवरात्रि पर शिव के भक्त इस दिन पूरे दिन व्रत
कब है सावन शिवरात्रि व्रत, जानिए पूजा विधि और महत्व

सावन के महीने में कई सारे व्रत और त्योहार पड़ती हैं इसी में एक है शिवरात्रि का पर्व, 19 जुलाई को सावन शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा। पंचांग के मुताबिक हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाती हैंकब है सावन शिवरात्रि व्रत, जानिए पूजा विधि और महत्व शिवरात्रि पर शिव के भक्त इस दिन पूरे दिन व्रत रखकर शिव की पूजा करते हैं सावन के महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि का खास महत्व होता हैं इस दिन शि​वलिंग पर विशेष पूजा और जलाभिषेक कर शिव को प्रसन्न किया जाता हैं, सावन के पवित्र महीने में मासिक शिवरात्रि को बहुत ही शुभफलदायी माना जाता हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं शिवरात्रि पूजन विधि और महत्व।कब है सावन शिवरात्रि व्रत, जानिए पूजा विधि और महत्व

मासिक शिवरात्रि पर शिव का जलाभिषेक किया जाता हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता हैं इस प्रमुख दिन शिव मंदिरों में विशेष पूजा पाठ किया जाता हैं गंगाजल से शिवलिंग पर जलाभिषेक कर हर तरह की मनोकामना की पूर्ति के लिए शिव का आशीर्वाद लिया जाता हैं मान्यता है जो भी शिवभक्त सावन शिवरात्रि पर शिव का जलाभिषेक करता हैं उसकी सभी तरह की इच्छाएं जरूर पूरी होती है।

कब है सावन शिवरात्रि व्रत, जानिए पूजा विधि और महत्व

जानिए शिवरात्रि जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त—
शिव की पूजा दिन के चारों मुहूर्त में करने का विधान होता हैं।
चतुर्दशी तिथि आरंभ— 19 जुलाई 2020, 12:41
चतुर्दशी तिथि समाप्त— 20 जुलाई 2020, 12: 10कब है सावन शिवरात्रि व्रत, जानिए पूजा विधि और महत्व

शिवपुराण में बताया गया है कि शिव भक्तों को मासिक शिवरात्रि पर व्रत और शिवलिंग पर जलाभिषेक कर शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। शिवरात्रि पर सुबह जल्दी स्नान करने के बाद पास के मंदिर में जाकर शिव की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। शिव पूजा में प्रयोग की जानी वाली सभी तरह की सामग्रियों को शिव जी को अर्पित करना चाहिए। अगले दिन अपना व्रत तोड़ कर ​भगवान शिव की पूजा संपन्न हो जाती हैं।

Share this story