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श्रावण मास 2019: भगवान भोलेनाथ को प्रिय है बेलपत्र, जानिए तोड़ने और चढ़ाने का सही तरीका

सावन का महीना हिंदू धर्म के लोगो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं, वही सावन में शिवलिंग पर गंगाजल के साथ साथ बेलपत्र चढ़ाने का एक विशेष महत्व होता हैं वही धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बेलपत्र भोलेनाथ को बहुत ही पसंद हैं वही श्रद्धालु शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन के महीने
श्रावण मास 2019: भगवान भोलेनाथ को प्रिय है बेलपत्र, जानिए तोड़ने और चढ़ाने का सही तरीका

सावन का महीना हिंदू धर्म के लोगो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं, वही सावन में शिवलिंग पर गंगाजल के साथ साथ बेलपत्र चढ़ाने का एक विशेष महत्व होता हैं वही धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बेलपत्र भोलेनाथ को बहुत ही पसंद हैं वही श्रद्धालु शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन के महीने में दूध मिश्रित गंगाजल के साथ बेलपत्र भी चढ़ाते हैं श्रावण मास 2019: भगवान भोलेनाथ को प्रिय है बेलपत्र, जानिए तोड़ने और चढ़ाने का सही तरीकामगर क्या आप जानते हैं कि बेलपत्र तोड़ते और उसे शिव को अर्पित करते समय कुछ खास नियमों का पालन करना जरूरी होता हैं तो आइए जानते हैं बेलपत्र तोड़ने से लेकर चढ़ाने तक से जुड़े सभी जरूरी नियम। श्रावण मास 2019: भगवान भोलेनाथ को प्रिय है बेलपत्र, जानिए तोड़ने और चढ़ाने का सही तरीकाबता दें, कि बेलपत्र को संस्कृत में बिल्वपत्र कहा जाता हैं यह भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता हैं। वही ऐसी मान्यता हैं कि बेलपत्र और जल से भगवान शंकर का मस्तिष्क शीतल रहता हैं वही पूजा में इनका प्रयोग करने से वे बहुत ही प्रसन्न होते हैं। हिंदू धर्म में ऐसे निर्देश दिए गए हैं, जिससे धर्म का पालन करते हुए पूरी तरह प्रकृति की रक्षा भी हो सके। यही खास वजह हैं कि देवी देवताओं को अर्पित किए जाने वाले पुष्प और पत्र को तोड़ने से जुड़े कुछ खास नियम भी बनाए गए हैं। श्रावण मास 2019: भगवान भोलेनाथ को प्रिय है बेलपत्र, जानिए तोड़ने और चढ़ाने का सही तरीकाबेलपत्र तोड़ने के नियम—
टहनी से चुन चुनकर सिर्फ बेलपत्र ही तोड़ना चाहिए। कभी भी पूरी टहनी नहीं तोड़ना चाहिए। पत्र इतनी सावधानी से तोड़ा चाहिए कि वृक्ष को कोई नुकसान न पहुंचे। बेलपत्र तोड़ने से पहले और बाद में वृक्ष को मन ही मन प्रणाम कर लेना चाहिए।श्रावण मास 2019: भगवान भोलेनाथ को प्रिय है बेलपत्र, जानिए तोड़ने और चढ़ाने का सही तरीका

शिवलिंग पर ऐसे चढ़ाएं बेलपत्र—
अगर बेलपत्र उपलब्ध न हो, तो बेल के वृक्ष के दर्शन ही कर लेना चाहिए। उससे भी पाप ताप नष्ट हो जाते हैं शिवलिंग पर दूसरे के चढ़ाए बेलपत्र की उपेक्षा या अनादन नहीं करना चाहिए।श्रावण मास 2019: भगवान भोलेनाथ को प्रिय है बेलपत्र, जानिए तोड़ने और चढ़ाने का सही तरीका

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