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Sarvapritr Amavasya 2020: आज मंगलकामना के साथ श्रद्धा भाव से करें पितरों को विदा

आज पितृपक्ष का आखिरी दिन यानी आश्विन मा की अमावस्या हैं इस दिन पितृ हमसे विदा लेते हैं समस्त पितरों का इस अमावस्या पर श्राद्ध किए जाने के कारण इसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता हैं। इसे पितृ विसर्जनी अमावस्या या महालया भी कहा जाता हैं इस अमावस्या पर सभी ज्ञात अज्ञात पितरों
Sarvapritr Amavasya 2020: आज मंगलकामना के साथ श्रद्धा भाव से करें पितरों को विदा

आज पितृपक्ष का आखिरी दिन यानी आश्विन मा की अमावस्या हैं इस दिन पितृ हमसे विदा लेते हैं समस्त पितरों का इस अमावस्या पर श्राद्ध किए जाने के कारण इसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता हैं। इसे पितृ विसर्जनी अमावस्या या महालया भी कहा जाता हैंSarvapritr Amavasya 2020: आज मंगलकामना के साथ श्रद्धा भाव से करें पितरों को विदा इस अमावस्या पर सभी ज्ञात अज्ञात पितरों का श्राद्ध किया जाता हैं ऐसा भी कहा गया है कि महालया में माता दुर्गा ने असुरों का नाश किया था। मान्यता है कि इस दिन देवी मां पार्वती कैलाश से अपने पुत्रों श्री गणेश और कार्तिकेय से मिलने आती हैं माना जाता हैं कि पितर किसी भी रूप में घर आ सकते हैं इसलिए भूलकर भी घर पर आने वाले किसी भी जीव का निरादर न करें।Sarvapritr Amavasya 2020: आज मंगलकामना के साथ श्रद्धा भाव से करें पितरों को विदा

ऐसे पूर्वज जिनकी मृत्यु की तारीख याद नहीं होती या फिर उनका श्राद्ध करना भूल जाते हैं तो इस दिन भूले बिसरे सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता हैं। इस दिन सभी पितरों का स्मरण करना चाहिए। पितरों का जल और तिल से तर्पण करना चाहिए। पितरों की स्मृति में पौधारोपण किया जाता हैं Sarvapritr Amavasya 2020: आज मंगलकामना के साथ श्रद्धा भाव से करें पितरों को विदापितरों की पसंद का भोजन बनाकर पांच जगहों में निकालना चाहिए। पहला हिस्सा गाय का, दूसरा देवों का, तीसरा हिस्सा कौए, चौथा हिस्सा कुत्ते और पांचवां चींटियों का होता हैं। वही जल का तर्पण करने से पितरों की प्यास बुझती है इस अमावस्या पर श्राद्ध करने से पितरों को संतुष्टि मिलती हैं साथ ही घर में सुख समृद्धि आती हैंSarvapritr Amavasya 2020: आज मंगलकामना के साथ श्रद्धा भाव से करें पितरों को विदा वही इस दिन स्नान आदि के बाद गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देवता को जल अर्पित करें। पितरों से मंगल कामना करें। सामर्थ्य के मुताबिक दान करना चाहिए। अगर पितर का नाम ज्ञात न हो तो भगवान का नाम लेकर तर्पण विधि करें।Sarvapritr Amavasya 2020: आज मंगलकामना के साथ श्रद्धा भाव से करें पितरों को विदा

 

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