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संकटों के नाश के लिए करें संकष्टी चतुर्थी का व्रत

आज संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जा रहा हैं। यह व्रत भगवान श्री गणेश को समर्पित होता हैं। श्रद्धालु आज के दिन अपने बुरे समय व जीवन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए श्री गणेश जी की आराधना व पूजा करते हैं। वही हिंदू धर्म पंचांग में प्रत्येक चंद्र मास में दो चतुर्थी होती हैं। पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता हैं
संकटों के नाश के लिए करें संकष्टी चतुर्थी का व्रत

आपको बता दें कि भगवान श्री गणेश की पूजा सभी शुभ और मांगलिक कार्यों से पहले की जाती हैं। वही आज संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जा रहा हैं। यह व्रत भगवान श्री गणेश को समर्पित होता हैं। वही श्रद्धालु आज के दिन अपने बुरे समय व जीवन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए श्री गणेश जी की आराधना व पूजा करते हैं। संकटों के नाश के लिए करें संकष्टी चतुर्थी का व्रतवही हिंदू धर्म पंचांग में प्रत्येक चंद्र मास में दो चतुर्थी होती हैं। पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता हैं, वही इस बार यह तिथि 15 नवंबर यानी की आज मनाई जा रही हैं। इस दिन श्री गणेश और चंद्र देव की उपासना करने का विधान होता हैं। जो कोई भी इस दिन भगवान गणेश की उपासना करता हैं। उसके जीवन के सभी संकट टल जाते हैं।संकटों के नाश के लिए करें संकष्टी चतुर्थी का व्रत

जानिए पूजन विधि—
श्रद्धालु आज के दिन सुबह जल्दी उठकर श्री गणेश की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। जो मनुष्य इस दिन उपवास रखता हैं वह पूरे दिन केवल दूध या फिर फल का सेवन ही करता हैं। इसके अलावा कुछ लोग कच्ची सब्जियां, फल, मूंगफली और आलू भी खाते हैं। वही शाम को फिर सूर्यास्त के पहले स्नान किया जाता हैं। इसके बाद श्री गणेश की प्रतिमा को ताजे पुष्पों से सजाया जाता हैं। चन्द्र दर्शन के बाद पूजा की जाती हैं। व्रत कथा पढ़ी जाती हैं। इसके बाद ही संकष्टी चतुर्थी का उपवास पूर्ण माना जाता हैं।संकटों के नाश के लिए करें संकष्टी चतुर्थी का व्रत

जानिए व्रत का महत्व—
चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को बहुत ही शुभ माना जाता हैं चन्द्रोदय के बाद ही उपवास पूर्ण होता हैं। मान्यताओं के मुताबिक जो भी मनुष्य इस दिन व्रत रखता हैं उसकी संतान संबंधी समस्याएं दूर जो जाती हैं। अपयश और बदनामी के योग कट जाते हैं। हर तरह के कार्यों की बाधा दूर होती हैं। धन और कर्ज संबंधी समस्याओं का समाधान होता हैं। संकटों के नाश के लिए करें संकष्टी चतुर्थी का व्रत

आज संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जा रहा हैं। यह व्रत भगवान श्री गणेश को समर्पित होता हैं। श्रद्धालु आज के दिन अपने बुरे समय व जीवन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए श्री गणेश जी की आराधना व पूजा करते हैं। वही हिंदू धर्म पंचांग में प्रत्येक चंद्र मास में दो चतुर्थी होती हैं। पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता हैं संकटों के नाश के लिए करें संकष्टी चतुर्थी का व्रत

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