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श्री गणेश की पूजा के बाद क्यों दिया जाता है चंद्रमा को अर्घ्य

हिंदू धर्म में सभी शुभ और मांगलिक कार्यों से पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान हैं। बिना गणेश पूजन के किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं होती हैं। इसलिए गणेश जी को मंगलकर्ता और विघ्नहर्ता भी कहा जाता हैं। गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। भगवान गणेश की प्राकृतिक कथा का वर्णन ब्रह्मपुराण में होता हैं।
श्री गणेश की पूजा के बाद क्यों दिया जाता है चंद्रमा को अर्घ्य

आज संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा हैं। यह पर्व विशेष रूप से श्री गणेश को समर्पित होता हैं वही हिंदू धर्म में सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्यों से पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान हैं। बिना गणेश पूजन के किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं होती हैं। इसलिए गणेश जी को मंगलकर्ता और विघ्नहर्ता भी कहा जाता हैं। श्री गणेश की पूजा के बाद क्यों दिया जाता है चंद्रमा को अर्घ्यवही गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। वही आज हम आपको बताने जा रहे हैं, चंद्रमा को अर्घ्य क्यों दिया जाता हैं। तो आइए जानते हैं।श्री गणेश की पूजा के बाद क्यों दिया जाता है चंद्रमा को अर्घ्य

भगवान गणेश की प्राकृतिक कथा का वर्णन ब्रह्मपुराण में होता हैं। उसमें लिखा हैं कि माता पार्वती ने अपने देह की मैल से भगवान श्री गणेश का सृजन किया और उन्हें द्वार पर बिठाकर स्नान करने चली गई तभी वहां उनके पति शिव जी आ गए और श्री गणेश ने माता की आज्ञा अनुसार शिव जी को अंदर नहीं जाने दिया। श्री गणेश की पूजा के बाद क्यों दिया जाता है चंद्रमा को अर्घ्यइस पर भोलेनाथ क्रोधित हो गए और श्री गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया। श्री गणेश का सिर चंद्रमा पर जाकर टिक गया। बाद में भगवान शिव ने नवजात हाथी का सिर गणेश जी को लगा दिया। भगवान गणेश का सिर चंद्रमा पर सुशोभित हो गया। तभी से चंद्रमा को अर्घ्य देने की मान्यता भी हुईश्री गणेश की पूजा के बाद क्यों दिया जाता है चंद्रमा को अर्घ्य

गण मंत्र : “ॐ भालचन्द्राय नमः”

बता दें कि यह मंत्र गणपति महाराज को समर्पित होता हैं। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य के जीवन में निराश नहीं रहती हैं। कोई भी अप्रिय घटना नहीं होती हैं इस मंत्र के जाप से घर में खुशहाली का वास होता हैं व्यक्ति हर क्षेत्र में सफलता को प्राप्त करता हैं। व्यक्ति के शरीर की सुंदरता बढ़ती हैं और इच्छानुसार फल की भी प्राप्ति होती हैं। श्री गणेश की पूजा के बाद क्यों दिया जाता है चंद्रमा को अर्घ्य

हिंदू धर्म में सभी शुभ और मांगलिक कार्यों से पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान हैं। बिना गणेश पूजन के किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं होती हैं। इसलिए गणेश जी को मंगलकर्ता और विघ्नहर्ता भी कहा जाता हैं। गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। भगवान गणेश की प्राकृतिक कथा का वर्णन ब्रह्मपुराण में होता हैं। श्री गणेश की पूजा के बाद क्यों दिया जाता है चंद्रमा को अर्घ्य

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