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Sakat chauth vrat katha: सकट चौथ की ये है सही तारीख, जानिए व्रत कथा और विधि

हिंदू धर्म में सकट चौथ व्रत को बहुत ही खास माना जाता हैं, वही सकट चौथ का व्रत हर महीने रखा जाता हैं माघ मास में पड़ने वाले सकट चौथ का विशेष महत्व होता हैं इस दिन को सकट चौथ, संकष्टी चतुर्थी, माघ चतुर्थी व्रत या तिलकुट चौथ के नाम से जाना जाता हैं इस
Sakat chauth vrat katha: सकट चौथ की ये है सही तारीख, जानिए व्रत कथा और विधि

हिंदू धर्म में सकट चौथ व्रत को बहुत ही खास माना जाता हैं, वही सकट चौथ का व्रत हर महीने रखा जाता हैं माघ मास में पड़ने वाले सकट चौथ का विशेष महत्व होता हैं इस दिन को सकट चौथ, संकष्टी चतुर्थी, माघ चतुर्थी व्रत या तिलकुट चौथ के नाम से जाना जाता हैं Sakat chauth vrat katha: सकट चौथ की ये है सही तारीख, जानिए व्रत कथा और विधिइस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत उपवास रखती हैं ऐसा कहा जाता हैं कि भगवान श्री गणेश की कृपा से व्रती के सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाते हैं इस साल सकट चौथ का व्रत 31 जनवरी 2021 को रखा जाएगा। तो आज हम आपको सकट चौथ व्रत का शुभ मुहूर्त और विधि बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Sakat chauth vrat katha: सकट चौथ की ये है सही तारीख, जानिए व्रत कथा और विधि

सकट चौथ व्रत का शुभ मुहूर्त—
सकट चौथ व्रत विधि— जनवरी— 31, 2021
सकट चौथ के दिन चन्द्रोदय समय— 20: 40
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ— जनवरी 31, 2021 को 20: 24 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त— फरवरी 1, 2021 को 18:24 बजेSakat chauth vrat katha: सकट चौथ की ये है सही तारीख, जानिए व्रत कथा और विधि

कथा के मुताबिक सकट चौथ के दिन श्री गणेश भगवान के जीवन पर आया सबसे बड़ा संकट टल गया था। इसलिए इसका नाम सकट चौथ पड़ा। इसके पीछे ये कहानी है कि माता पार्वती एकबार स्नान करने गईं। स्नानघर के बाहर उन्होंने अपने पुत्र श्री गणेश को खड़ा कर दिया और उन्हें रखवाली का आदेश देते हुए कहा कि जब तक मैं स्नान कर खुद बाहर न आउं किसी को भीतर आने की इजाजत मत देना। Sakat chauth vrat katha: सकट चौथ की ये है सही तारीख, जानिए व्रत कथा और विधिगणेश अपनी माता की बात मानते हुए बाहर पहरा देने लगे। उसी समय शिव पार्वती से मिलने आए मगर गणेश ने उन्हें दरवाजे पर ही कुछ देर रुकने के लिए कहा। शिव ने इस बात से बेहद आहत और अपमानित महसूस किया। क्रोध में उन्होंने गणेश पर त्रिशूल का वार किया। जिससे उनकी गर्दन दूर जा गिरी।Sakat chauth vrat katha: सकट चौथ की ये है सही तारीख, जानिए व्रत कथा और विधि

जब माता पार्वती बाहर आईं तो देखा कि गणेश की गर्दन कटी हुई हैं। ये देखकर वो रोने लगीं और शिव से कहा कि गणेश के प्राण फिर से वापस कर दें। इस पर शिव ने एक हाथी का सिर लेकर गणेश को लगा दिया। इस तरह से श्री गणेश का दूसरा जीवन मिला। तभी से गणेश की हाथी की तरह सूंड होने लगी। तभी से महिलाएं संतान की सलामती के लिए यह व्रत करती हैं।Sakat chauth vrat katha: सकट चौथ की ये है सही तारीख, जानिए व्रत कथा और विधि

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