भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए इस नियम का पालन करना जरूर
सबरीमाला मंदिर बहुत ही पवित्र माना जाता हैं। इस मंदिर में विवाद की स्थिति देखने को मिल रही हैं, पिछले ससाल सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कर दिया था कि सबरीमाला में सभी उम्र की महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा। इसके बार अदालत में पुर्नविचार याचिका दायर की गई। वही कानूनी विवाद से दूर धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बात करें। तो ऐसी कई बातें हैं जो बहुत कम लोग जानते हैं। तो आज हम आपको सबरीमाला मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
बता दें कि सबरीमाला मंदिर के पास मकर संक्रांति की रात घने अंधेरे में एक ज्योति दिखती हैं। इस ज्योति के दर्शन के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। वही बताया गया हैं कि जब जब ये रोशनी दिखाई पड़ती हैं इसके साथ शोर भी सुनाई देता हैं भक्त मानते हैं कि ये देव ज्योति हैं और भगवान स्वयं ही इसे जलाते हैं। इसे मकर ज्योति का ना दिया जाता हैं। यहां पर श्री अयप्पा की पूजा होती हैं उन्हें हरिहरपुत्र कहा जाता हैं। यानी की भगवान विष्णु और शिव के पुत्र। यहां दर्शन करने वाले भक्तों को दो महीने पहले से ही मांस मछली का सेवन त्यागना होता हैं मान्यताओं के मुताबिक अगर भक्त तुलसी या फिर रुद्राक्ष की माला पहनकर और व्रत रखकर यहां पहुंचकर दर्शन करें, तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। सबरीमाला के रास्ते में एक छोटा सा कस्बा हैं इरुमलै, यह स्वामी अयप्पा के मंदिर से करीब 60 किलोमीटर पहले हैं। यहां रुकना सबरीमाला की तीर्थयात्रा का एक नियम माना जाता हैं।