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गायत्री मंत्र का जाप करते वक्त न करें ये गलतियां..

गायत्री मंत्र के जप से मनुष्य की बौद्धिक क्षमता और मेधा शक्ति यानी की स्मरण करने की क्षमता बढ़ जाती हैं। इससे मनुष्य का तेज भी बढ़ जाता हैं गायत्री मंत्र के जप सूर्योदय से दो घंटे पूर्व से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक किया जा सकता हैं यह शुभ माना जाता हैं वही मौन मानसिक जप कभी भी कर सकते हैं मगर रात्रि के वक्त इस मंत्र का जप नहीं करना चाहिए। गायत्री मंत्र का रात में जप करने से मनुष्य को कोई लाभ प्राप्त नहीं होता हैं। गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर होते हैं यह चौबीस अक्षर चौबीस शक्तियों सिद्धियों का प्रतीक माना जाता हैं।
गायत्री मंत्र का जाप करते वक्त न करें ये गलतियां..

हिंदू धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व होता हैं वही गायत्री मं को इस धर्म में सबसे उत्तर और सर्वश्रेष्ठ मंत्र माना गया हैं। वही इस धर्म पर आस्था रखने वाले हर मनुष्य के जुबान पर यह मंत्र रहता हैं। वही गायत्री मंत्र के जाप से मनुष्य को कई सारे लाभ प्राप्त होती हैं। वही आज हम आपको उन्हीं के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।गायत्री मंत्र का जाप करते वक्त न करें ये गलतियां..

व्यक्ति को गायत्री मंत्र के जप से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। वही इस विशेष मंत्र के जाप से मनुष्य की बौद्धिक क्षमता और मेधा शक्ति यानी की स्मरण करने की क्षमता बढ़ जाती हैं। वही इससे मनुष्य का तेज भी बढ़ जाता हैं साथ ही साथ दुखों से भी मुक्ति मिल जाती हैं। गायत्री मंत्र का जाप करते वक्त न करें ये गलतियां..वही गायत्री मंत्र के जप सूर्योदय से दो घंटे पूर्व से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद ​तक किया जा सकता हैं यह शुभ माना जाता हैं वही मौन मानसिक जप कभी भी कर सकते हैं मगर रात्रि के वक्त इस मंत्र का जप नहीं करना चाहिए। गायत्री मंत्र का रात में जप करने से मनुष्य को कोई लाभ प्राप्त नहीं होता हैं।

गायत्री मंत्र का जाप करते वक्त न करें ये गलतियां..

वही गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर होते हैं यह चौबीस अक्षर चौबीस शक्तियों सिद्धियों का प्रतीक माना जाता हैं। यही वजह हैं कि ऋषियों ने गायत्री मंत्र को भौतिक जगत में सभी तरह की मनोकामना को पूर्ण करने वाला मंत्र बताया हैं। वही अगर किसी व्य​क्ति को आर्थिक परेशानी सता रही हैं तो वह गायत्री मंत्र के साथ श्रीं का संपुट लगाकर जप करे तो उसकी सभी परेशानी दूर हो जाएगी। वही कार्यों में भी आई बाधाएं दूर हो जाती हैं। गायत्री मंत्र का जाप करते वक्त न करें ये गलतियां..

गायत्री मंत्र के जप से मनुष्य की बौद्धिक क्षमता और मेधा शक्ति यानी की स्मरण करने की क्षमता बढ़ जाती हैं। इससे मनुष्य का तेज भी बढ़ जाता हैं गायत्री मंत्र के जप सूर्योदय से दो घंटे पूर्व से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद ​तक किया जा सकता हैं यह शुभ माना जाता हैं वही मौन मानसिक जप कभी भी कर सकते हैं मगर रात्रि के वक्त इस मंत्र का जप नहीं करना चाहिए। गायत्री मंत्र का रात में जप करने से मनुष्य को कोई लाभ प्राप्त नहीं होता हैं। गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर होते हैं यह चौबीस अक्षर चौबीस शक्तियों सिद्धियों का प्रतीक माना जाता हैं। गायत्री मंत्र का जाप करते वक्त न करें ये गलतियां..

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