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इस वजह से पिता की बायोपिक नहीं बना पा रहे रितेश देशमुख

बॉलीवुड के एक्टर रितेश देशमुख से हाल ही में उनके पिता की बायोपिक पर सवाल किया गया तो उन्होनें कहा कि किसी की जिंदगी पर किताब लिखना आसान है।लेकिन सिनेमा 2 घंटों का होता है।इन दो घंटों में हमें वही चीजें दिखानी हैं, जो चीज लोगों को एंगेज करके रखे, वरना फिल्म उबाऊ हो जाती है।लेकिन रितेश अपने पिता की बायोपिक पर जरुर काम करेंगे।
इस वजह से पिता की बायोपिक नहीं बना पा रहे रितेश देशमुख

बॉलीवुड के गलियारो में फिल्मों मे बायोपिक का चलन काफी उबाल में है।लगातार फिल्ममेकर्स बायोपिक  पर अपनी नजरें गड़ाये बैठे है ऐसे में हर साल बायोपिक्स का फिल्मो मे मार्जिन ज्यादा होता है ऐसे में हाल ही में बागी3 को लेकर सुर्खियो में आए रितेश देशमुख ने भी अपने पिता की बायोपिक बारे में बात की।एक इंटरव्यू के दौरान रितेश ने कहा कि उन्हें कई बार लोग बोल चुके है कि उन्हें अपने पिता विलासराव देशमुख की बायोपिक बनानी चाहिए।इस बात से वो भी स्वीकार करते है इतना ही नही रितेश ने बताया कि कुछ लोगों ने तो पिता के जीवन पर लिखी गई किताबे भी उन्हें भिजवाई है और उनसे फिल्म बनाने की मांग की है लेकिन रितेश की मानें तो ये आसान नहीं है।इस वजह से पिता की बायोपिक नहीं बना पा रहे रितेश देशमुख

रितेश ने कहा कि किसी की जिंदगी पर किताब लिखना आसान है, फिर चाहे वह किताब 600 पन्नों की हो, 350 पेज की हो या फिर 100 पन्नों की हो उससे फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन सिनेमा 2 घंटों का होता है, इन दो घंटों में हमें वही चीजें दिखानी हैं, जो चीज लोगों को एंगेज करके रखे, वरना फिल्म उबाऊ हो जाती है।हालांकि मैं पिता की बायोपिक में उनके परिवार और उनके सरपंच बनने से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक के सफर को दिखाना चाहता हूं तो लेकिन वो दो घंटे में समेटना काफी मुश्किल है।इस वजह से पिता की बायोपिक नहीं बना पा रहे रितेश देशमुख

बता दें कि रितेश देशमुख के पिता विलासराव देशमुख महाराष्‍ट्र में कांग्रेस के सबसे ताकतबर नेता रहे है।उन्होनें कांग्रेस की पार्टी में  महाराष्ट्र की राजनीति के साथ राष्‍ट्रीय राजनीति  में काफी अहम भूमिका निभाई है जो कि इतिहास के पन्नों में शामिल है।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने से पहले वो सरपंच और पंचायत समिति के उपाध्यक्ष भी रहे है।इसके बाद उन्होनें साल 1980 से 1995 में महाराष्ट्र की राजनीती में कदम रखा और इन सालो में वो लगातार तीन चुनावों में विधानसभा के लिए चुने गए और गृह, ग्रामीण विकास, कृषि, मतस्य, पर्यटन, उद्योग, परिवहन, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, युवा मामले, खेल सहित अनेक पदों पर विभिन्न मंत्रालयों में मंत्री के रूप में कार्य किया।बात यदि रितेश देशमुख की करे तो इन दिनो वो बागी 3 को लेकर सुर्खियो मे है और छत्रपति शिवाजी की  बायोपिक पर भी काम कर रहे है।इस वजह से पिता की बायोपिक नहीं बना पा रहे रितेश देशमुख इस वजह से पिता की बायोपिक नहीं बना पा रहे रितेश देशमुख इस वजह से पिता की बायोपिक नहीं बना पा रहे रितेश देशमुख

बॉलीवुड के एक्टर रितेश देशमुख से हाल ही में उनके पिता की बायोपिक पर सवाल किया गया तो उन्होनें कहा कि किसी की जिंदगी पर किताब लिखना आसान है।लेकिन सिनेमा 2 घंटों का होता है।इन दो घंटों में हमें वही चीजें दिखानी हैं, जो चीज लोगों को एंगेज करके रखे, वरना फिल्म उबाऊ हो जाती है।लेकिन रितेश अपने पिता की बायोपिक पर जरुर काम करेंगे। इस वजह से पिता की बायोपिक नहीं बना पा रहे रितेश देशमुख

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