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कोरोना दौर में रूमेटाइड अर्थराइटिस का खतरा, बचाव के लिए आप इन बातों का रखें ध्यान

जयपुर।कोरोना संक्रमण के दौर में शरीर में किसी भी प्रकार की परेशानी के होने पर कोरोना संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।हमारे शरीर में गलत खानपान का सेवन करने के कारण अर्थराइटिस की परेशानी होने लगती है।अर्थराइटिस के कारण हमारे शरीर में गठिया रोग होने लगता है, जो कि हड्डियों में यूरिक एसिड
कोरोना दौर में रूमेटाइड अर्थराइटिस का खतरा, बचाव के लिए आप इन बातों का रखें ध्यान

जयपुर।कोरोना संक्रमण के दौर में शरीर में किसी भी प्रकार की परेशानी के होने पर कोरोना संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।हमारे शरीर में गलत खानपान का सेवन करने के कारण अर्थराइटिस की परेशानी होने लगती है।अर्थराइटिस के कारण हमारे शरीर में गठिया रोग होने लगता है, जो कि हड्डियों में यूरिक एसिड की मात्रा के बढ़ने से होता है।

कोरोना दौर में रूमेटाइड अर्थराइटिस का खतरा, बचाव के लिए आप इन बातों का रखें ध्यानगठिया रोग में रूमेटाइड अर्थराइटिस सबसे घातक बीमारी होती है। इसमें शरीर के जोड़ों में दर्द, सूजन होने के साथ ही उनके आकार में बदलाव भी आने लगता है।रूमेटाइड अर्थराइटिस हमारे शरीर में एक सूजन संबंधित रोग होता है जिसमें हमारे शरीर के जोड़ों पर घातक प्रभाव दिखाई देता है।

कोरोना दौर में रूमेटाइड अर्थराइटिस का खतरा, बचाव के लिए आप इन बातों का रखें ध्यानरूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या के कारण शरीर के आंतरिक तंत्र, त्वचा, आंखें, फेफड़ें, हृदय और खून की धमनियों पर घातक असर पड़ता है।ऐसे में रूमेटाइड अर्थराइटिस की परेशानी से बचने के लिए इसके लक्षणों को पहचानना बेहद आवश्यक है, ताकि इसका समय पर इलाज किया जा सकें।

कोरोना दौर में रूमेटाइड अर्थराइटिस का खतरा, बचाव के लिए आप इन बातों का रखें ध्यानरूमेटाइड अर्थराइटिस की परेशानी के लक्षण के तौर पर कलाई में सुन्नता होने का आभास होता है।रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीजों में आंखों से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती है।आंखों में ड्राईनेस होने की परेशानी भी रूमेटाइड अर्थराइटिस का लक्षण होता है।रूमेटाइड अर्थराइटिस में शरीर के जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या रहती है साथ इससे सांस लेने में तकलीफ होने की परेशानी भी दिखाई देती है।

कोरोना दौर में रूमेटाइड अर्थराइटिस का खतरा, बचाव के लिए आप इन बातों का रखें ध्यानजिसके कारण फेफड़े में सूजन होने की परेशानी भी हो सकती है।अर्थरा​इटिस की परेशानी से बचने के लिए शरीर के बढ़ते यूरिक एसिड को नियंत्रित बनाए रखना बेहद आवश्यक है।

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