शोध चूहों का दिमाग अलग स्थितियों में अलग—अलग तरह से करता है काम
जयपुर। इंसानों और चूहों का दिमाग लगभग एक तरह से ही काम करता है। लेकिन कुछ आभासी और वास्तविकता में चूहों का दिमाग कुछ अलग तरह से काम करने लग जाता है। अलग तरह से मतबल ये थोड़ा कम सक्रिय हो जाता है। जैसे की वैज्ञानिक बताते है कि जब हम कही घूमने जाते है, तो हमारा मस्तिष्क अधिक सक्रिय हो जाता है क्योंकि हम ऐसी दशा में आसपास का नक्शा बना रहे होते हैं। ताकि हम याद कर सकें कि हम कहाँ हैं और हमें पता चलता है कि हम ए से बी तक कैसे जा सकते हैं। इस नक्शे को बनाने में मस्तिष्क कई सूचनाओं का उपयोग करता है। उदाहरण के लिए, दृश्य सुराग (कोने में पेड़, सड़क के बीच में सफेद घर), साथ में ही कुछ गंध और आवाज भी। इसकी पूरी जानकारी का पता लगाने के लिए लॉस एंजिल्स में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के आभासी विश्व शोधकर्ताओं ने इसकी जांच करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने चूहों की एक श्रृंखला का उपयोग किया। इसके लिए उन्होंने चूहों के लिए एक आभासी दुनिया भी बनाई। जिसके द्वारा चूहों को आभास दिया गया कि वो किस दुनिया से गुजर रहे हैं। इस आभासी दुनिया में कुछ चीजों की कमी दर्शाया गया जैसे आवाज और गंध की कमी को। जिस तरह से चूहों ने अपनी स्थिति निर्धारित की वह केवल उस गति पर भरोसा करना था जिस पर वे चले गए थे। चूहों के दूसरे समूह को एक वास्तविक दुनिया में रखा गया। यह भी आभासी दुनिया के समान ही था लेकिन इसमें गंध और आवाज थी।
शोध से आश्चर्यजनक परिणाम मिले हैं। जब चूहों को एक वास्तविक दुनिया में ले जाते हैं, तो तंत्रिका कोशिकाएं एक संकेत का उत्सर्जन करती हैं जब वे पर्यावरण में एक विशेषता वस्तु का सामना करते हैं। इससे इस बात का खुलासा होता है कि चूहों का दिमाग आभासी और वास्तविकता में अलग तरह से काम करता है।