Samachar Nama
×

40 वर्षों में दुनिया से इतने जानवर हो गये है कम

हाल ही में वैज्ञानिको ने अध्ययन के बाद पता लगाया है कि 1970 के बाद से अब तक दुनिया भर में पृथ्वी पर से लगभग आधे जंगली जानवरों को खो चुकी है। इन प्रजातियों में स्तनधारी, पक्षी, उभयचर, सरीसृप और मछली की आबादी दुनिया भर में 52 प्रतिशत तक सिकुड़ गई। यह स्थिति विशेषकर गरीब देशों में देखी गई है जहां पर जैव विविधता में तेजी से गिरावट आई है। दूसरा कारण में वैज्ञानिकों ने बताया है कि वातावरण में तेजी से बढ़ रही कार्बन के कारण भी जानवरो की संख्या में कमी होती जा रही है।
40 वर्षों में दुनिया से इतने जानवर हो गये है कम

जयपुर। हाल ही में हुए एक नए अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों खुलासा किया है कि 1970 से अब तक पृथ्वी से लगभग आधे जंगली जानवर गायब हो चु​के हैं। इन प्रजातियों में स्तनधारी, पक्षी, उभयचर, सरीसृप और मछली की आबादी दुनिया भर में 52 प्रतिशत तक सिकुड़ गई।

40 वर्षों में दुनिया से इतने जानवर हो गये है कम

यह स्थिति विशेषकर गरीब देशों में देखी गई है जहां पर जैव विविधता में तेजी से गिरावट आई है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के शोध के अनुसार पिछले 40 वर्षो में 39 प्रतिशत वन्य जीव पानी के कारण गायब हो गये है। इसके अलावा इतने ही जानवर पानी की अधिकता के कारण खत्म हो चुके हैं।

40 वर्षों में दुनिया से इतने जानवर हो गये है कम

दूसरा कारण में वैज्ञानिकों ने बताया है कि वातावरण में तेजी से बढ़ रही कार्बन के कारण भी जानवरो की संख्या में कमी होती जा रही है। वैज्ञानिक बताते है कि वातावरण में कार्बन पिछले हजारों वर्षों से अद्वितीय तरीके से बढ़ोतरी कर रहा है।

40 वर्षों में दुनिया से इतने जानवर हो गये है कम

यही कारण है कि जलवायु परिवर्तन को भी तेजी से बढ़ावा मिल रहा है। एक अन्य रिपोर्ट में सामने आया है कि अमीर देशों के लोग प्रति व्यक्ति अधिक खपत करते है जिससे इनकी आबादी में भी तेजी से बढ़ोतरी होती है। लेकिन गरीब देशों के लोग ऐसा नहीं कर पाते है जिससे उनकी और वहां के जानवरों की संख्या में भी बढ़ोतरी नहीं हो पाती है।

40 वर्षों में दुनिया से इतने जानवर हो गये है कम

गरीब देशों में प्रति व्यक्ति के कम होने का कारण बताया है कि अमीर देशों में औसतन जैव विविधता में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि यह गरीब देशों में घट रही है। शोधकर्ता कीया चटर्जी कहती हैं, अमीर देश गरीब देशों की तुलना में पांच गुना अधिक प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हैं।

हाल ही में वैज्ञानिको ने अध्ययन के बाद पता लगाया है कि 1970 के बाद से अब तक दुनिया भर में पृथ्वी पर से लगभग आधे जंगली जानवरों को खो चु​की है। इन प्रजातियों में स्तनधारी, पक्षी, उभयचर, सरीसृप और मछली की आबादी दुनिया भर में 52 प्रतिशत तक सिकुड़ गई। यह स्थिति विशेषकर गरीब देशों में देखी गई है जहां पर जैव विविधता में तेजी से गिरावट आई है। दूसरा कारण में वैज्ञानिकों ने बताया है कि वातावरण में तेजी से बढ़ रही कार्बन के कारण भी जानवरो की संख्या में कमी होती जा रही है। 40 वर्षों में दुनिया से इतने जानवर हो गये है कम

Share this story