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जम्मू-कश्मीर में ट्रायल आधार पर 4जी की बहाली अच्छी शुरुआत : सुप्रीम कोर्ट

केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को जम्मू-कश्मीर में 4 जी सेवाओं की बहाली को लेकर सूचना दी है। केन्द्र ने कहा है कि जांच के लिए गठित विशेष समिति ने सीमित क्षेत्रों में ट्रायल आधार पर हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने पर सहमति दे दी है। न्यायमूर्ति एन.वी.रमन की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष
जम्मू-कश्मीर में ट्रायल आधार पर 4जी की बहाली अच्छी शुरुआत : सुप्रीम कोर्ट

केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को जम्मू-कश्मीर में 4 जी सेवाओं की बहाली को लेकर सूचना दी है। केन्द्र ने कहा है कि जांच के लिए गठित विशेष समिति ने सीमित क्षेत्रों में ट्रायल आधार पर हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने पर सहमति दे दी है। न्यायमूर्ति एन.वी.रमन की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष केन्द्र की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के.के.वेणुगोपाल ने कहा है कि कुछ स्थानों पर इंटरनेट पर लगे प्रतिबंधों को ट्रायल के आधार पर हटा दिया जाएगा।

केंद्र ने अदालत को सूचित किया है कि 16 अगस्त से जम्मू और कश्मीर के एक-एक जिले में ढील देने के दो महीने बाद इनका मूल्यांकन किया जाएगा। सरकार ने यह भी कहा है कि सुरक्षा पर खतरे को देखते हुए पूरे केन्द्रशासित प्रदेश में 4 जी की बहाली संभव नहीं होगी।

इस बारे में शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि “यह एक काफी अच्छी शुरूआत है।” कोर्ट ने केन्द्र के फैसले की सराहना भी की। पीठ ने यह भी कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि स्थिति में सुधार होगा और बाद में इस सेवा का विस्तार किया जा सकेगा।

याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने कहा, “यह अच्छा है कि कम से कम सीमित क्षेत्र में ही बहाली के लिए एक कदम आगे बढ़ाया गया है।”

न्यायमूर्ति रमन ने इसके बाद केंद्र पर अवमानना का मामला भी बंद कर दिया। दरअसल, पीठ ने हस्तक्षेप आवेदन पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को दो सप्ताह का समय दिया था। एनजीओ द्वारा अवमानना याचिका दायर की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि केंद्र ने शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद केन्द्रशासित प्रदेश में इंटरनेट प्रतिबंधों की समीक्षा के लिए एक विशेष समिति का गठन नहीं किया है।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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