चमगादड़ ही नहीं ये पक्षी भी होता है निपाह वायरस का वाहक
जयपुर। निपाह वायरस चमगादड़ से फैलने वाला एक संक्रमण होता है। अभी तक सभी यही समझते आ रहे है। लेकिन हाल ही में हुए शोध के बाद पता चला है कि निपाह वायरस को फैलाने में केवल चमगादड़ ही जिम्मेदार नहीं होता है। बल्कि एक और जीव है, जिसे फ्रूट बैट के नाम से जाना जाता है।
हाल ही में केरल में फ्रूट बैट (एक प्रकार का चमगादड़) की पहचान घातक निपाह वायरस के वाहक के रूप में की गई है। दिखने में तो यह भी चमगादड़ की तरह ही दिखता है लेकिन ये कीटभक्षी चमगादड़ से अलग होते हैं। ये पक्षी आहार के लिए फलों पर निर्भर रहते हैं।
विशेषज्ञ बताते है कि फलों का पता लगाने के लिये ये सूँघने की क्षमता का उपयोग करते हैं, जबकि कीटभक्षी चमगादड़ प्रतिध्वनि की सहायता से अपने शिकार का पता लगाते हैं। रिसर्च के बाद पाया गया कि फ्रूट बैट’ दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में बड़े पैमाने पर पाए जाते हैं और इन्हें फ्लाइंग फॉक्स भी कहा जाता है।
निपाह वायरस और फ्रूट बैट में संबंध के तौर पर विशेषज्ञ बताते है कि निपाह वायरस, बैट/चमगादड़ के शरीर में मौज़ूद रहता है। ये बैट/चमगादड़ मनुष्य या सुअर के संपर्क में आते है, तो उसी समय निपाह वायरस इनमें प्रवेश कर जाते हैं। हाल ही में पाये इस जीव की प्रजाति को इसलिए महत्व दिया जा रहा है क्योंकि निपाह संक्रमण के वाहक की पहचान भविष्य में इसे फैलने से रोकने में मदद प्रदान करेगी।
निपाह वायरस को एक घातक वायरस माना जाता है। ऐसी ही कई और भी बीमारियां होती है, जो चमगादड़ के संपर्क में आने से फैल जाती है। रिपोर्ट में पता चला है कि इंडियन फ्लाइंग फॉक्स 50 से अधिक वायरस का वाहक है।