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शोध – चाय पीने वालों को शराब पीन वालों से अधिक होता है डिमेंशिया का खतरा

जयपुर, दोस्तो जब हम किसी के घर जाते है तो सबसे पहले हमें चाय पिलाई जाती है। और हम लोग भी उसे चाव से पीते है। क्योंकि हम चाय के खतरों से अनभिज्ञ है। मेहमान नवाजी तक तो ठीक है लेकिन हम तो दिन में तीन से चार बार चाय पीते है। दोस्तों क्या आपको
शोध – चाय पीने वालों को शराब पीन वालों से अधिक होता है डिमेंशिया का खतरा

जयपुर, दोस्तो जब हम किसी के घर जाते है तो सबसे पहले हमें चाय पिलाई जाती है। और हम लोग भी उसे चाव से पीते है। क्योंकि हम चाय के खतरों से अनभिज्ञ है। मेहमान नवाजी तक तो ठीक है लेकिन हम तो दिन में तीन से चार बार चाय पीते है। दोस्तों क्या आपको पता है। जो लोग केवल चाय पीते हैं और शराब नहीं पीते है। उन्हें डिमेंशिया के होने का खतरा अधिक होता है।शोध – चाय पीने वालों को शराब पीन वालों से अधिक होता है डिमेंशिया का खतरा

बीएमजे, मेडिकल जर्नल में इसे लेकर कहा गया है कि जो लोग केवल चाय का सेवन करते हैं उनमें अल्जाइमर और कई न्यूरोडीजेनरेटिव बीमारियों का खतरा रहता है। जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर सेविल यासर का मानना है कि करीब 65 प्रतिशत लोग डिमेंशिया से ग्रसित हैं। जिनमें से अधिक उम्र के लोग इस बिमारी से ज्यादा पीडित है। शोधकर्ताओं का कहना है कि 2050 तक यह बिमारी तीन गुना तक बढ़ जाएगी।शोध – चाय पीने वालों को शराब पीन वालों से अधिक होता है डिमेंशिया का खतरा

साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि जो लोग चाय के साथ साथ कभी कभी शराब का सेवन करते है उनमें ऐसे लक्षण कम देखे गए है। लेकिन उन्होंने कहा कि जो लोग जिन, वोदका और बियर का अधिक सेवन करते है। उनमें इसका खतरा दोगुना हो जाता है। उन्होंने बताया कि शराब के अधिक  सेवन से कई समस्याएं हो जाती है।शोध – चाय पीने वालों को शराब पीन वालों से अधिक होता है डिमेंशिया का खतरा

शराब का सेवन करने वाले लोगों मे सबसे अधिक डायबिटीज व दिल से जुड़ी बिमारियों होनें के चांस होते है। लेकिन जो लोग शराब का सेवन नहीं करते है और सिर्फ चाय का सेवन करते है। उनमें डिमेंशिया का खतरा अधिक रहता हैं। वहीं शोधकर्ताओं ने कहा की जो लोग रोजाना शराब का सेवन करते है उनमें 17 प्रतिशत डेमेंशिया का खतरा रहता है।

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