MP assembly के पटल पर रखा गया धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश
मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 सहित कुल 15 अध्यादेशों को सदन के पटल रखा गया। तीसरे दिन की कार्यवाही में हंगामा भी हुआ, कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन भी किया और दोनों दलों के नेताओं में नोक-झोंक भी हुई। राज्य के संसदीय कार्य और विधि विधाई मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को सदन के पटल पर मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 सहित कुल 15 अध्यादेशों को रखा, इन पर चर्चा बाद में होगी। धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश पर चर्चा के लिए डेढ़ घंटे का समय नियत किया गया है।
ज्ञात हो कि राज्य में ‘धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020’ जबरन धर्म परिवर्तन कर विवाह की घटनाओं को रोकने के मकसद से अस्तित्व में आ चुका है। यह कानून नौ जनवरी ने मूर्तरूप ले चुका है, इसका गजट नोटिफिकेशन हो जाने के बाद लागू हो चुका है। जबरन, भयपूर्वक, डरा- धमका कर, प्रलोभन देकर, बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करवा कर विवाह करने और करवाने वाले व्यक्ति, संस्था अथवा स्वयंसेवी संस्था की शिकायत प्राप्त होते ही तत्काल अध्यादेश में किए गए प्रावधानों के मुताबिक संबंधितों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की गई। इस कानून के अस्तित्व में आने के बाद कई मामले भी दर्ज हो चुके हैं।
वहीं प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल की सूचनाएं सदन में पढ़ी मानी गई और पत्रों को पटल पर रखा गया। इसके साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई।
कांग्रेस ने डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर सवाल उठाया, वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने गूंगी बहरी सरकार बताते हुए सदन से बहिर्गमन किया। कांग्रेस विधायक प्रियव्रत सिंह ने चेतावनी दी कि जब तक पेट्रोल और डीजल के दाम कम नहीं किए जाते तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे।
न्यूज सत्रेत आईएएनएस