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करें इन मंत्रों का जाप माँ काली की कृपा से बनेंगे सारे बिगडें काम

जयपुर। आषाढ़ माह में होने वाली गुप्त नवरात्री में देवी पूजा का बढा महत्व है। इस गुप्त नवरात्री में देवी को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किया जाते है। इस बार आषाढ़ माह में होने वाली गुप्त नवरात्री 13 जुलाई से शुरू हो गई है। इस गुप्त नवरात्री में माँ दुर्गा के गुप्त रूप
करें इन मंत्रों का जाप माँ काली की कृपा से बनेंगे सारे बिगडें काम

जयपुर। आषाढ़ माह में होने वाली गुप्त नवरात्री में देवी पूजा का बढा महत्व है। इस गुप्त नवरात्री में देवी को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किया जाते है। इस बार आषाढ़ माह में  होने वाली गुप्त नवरात्री 13 जुलाई से शुरू हो गई है। इस गुप्त नवरात्री में माँ दुर्गा के गुप्त रूप की आराधना की जाती है यानि माँ दुर्गा के काली स्वरूप की पूजा की जाती है। इनकी पूजा करने से देवी प्रसन्न होती है व सारे बिगड़े काम बनने लगते हैं। गुप्त नवरात्री में माँ दुर्गा की आराधना करने से सारी परेशानी का अंत होता हैं और मनोकामना पूरी होती हैं।

करें इन मंत्रों का जाप माँ काली की कृपा से बनेंगे सारे बिगडें काम

वैसे जब भी माँ दुर्गा का पाठ करें तो कुछ मंत्रों को जाप अवश्य करें इनका जाप करने से जीवन में  सफलता मिलती है। ऐसा माना जाता है गुप्त नवरात्री में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से भक्त के सभी कष्टों का सभी दुखों का अंत होता है व इन मंत्रों के जाप से जीवन में सुख समृद्धि हमेशा बनी रहती है।  आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में बता रहें हैं जिनके पढने से आपकी सारी  मनोकामना पूरी होगी। वैसे तो दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक है लेकिन हम कुछ विशेष मंत्र के बारे में बता रहें है।

करें इन मंत्रों का जाप माँ काली की कृपा से बनेंगे सारे बिगडें काम

* सर्वकल्याण के लिए-
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥

* आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए-
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥

* बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिए-
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥

 

करें इन मंत्रों का जाप माँ काली की कृपा से बनेंगे सारे बिगडें काम

* सुलक्षणा पत्नी प्राप्ति के ‍‍‍लिए-
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्ग संसारसागस्य कुलोद्‍भवाम्।।

* ऐश्वर्य प्राप्ति एवं भय मुक्ति मंत्र-
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः।
शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै॥

* विपत्तिनाशक मंत्र-
शरणागतर्दिनार्त परित्राण पारायणे।
सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोऽतुते॥

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