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Bajrang baan path: विशेष कार्यों की सिद्धि के लिए मंगलवार के दिन करें बजरंग बाण का पाठ

हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को किसी न किसी देवी देवता की पूजा के लिए समर्पित किया गया हैं वही मंगलवार का दिन राम भक्त और संकटमोचन हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित होता हैं और आज मंगलवार हैं आज के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती हैं क्योंकि मंगलवार
Bajrang baan path: विशेष कार्यों की सिद्धि के लिए मंगलवार के दिन करें बजरंग बाण का पाठ

हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को किसी न किसी देवी देवता की पूजा के लिए समर्पित किया गया हैं वही मंगलवार का दिन राम भक्त और संकटमोचन हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित होता हैं और आज मंगलवार हैं आज के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती हैं क्योंकि मंगलवार के दिन ही उनका जन्म हुआ था। Bajrang baan path: विशेष कार्यों की सिद्धि के लिए मंगलवार के दिन करें बजरंग बाण का पाठकिसी भी देवी देवता को उसके प्रकट या जन्म दिवस के दिन पूजा करके जल्दी प्रसन्न किया जा सकता हैं मान्यताओं के मुताबिक आपको अपने किसी विशेष कार्य की सिद्धि के लिए आज मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।Bajrang baan path: विशेष कार्यों की सिद्धि के लिए मंगलवार के दिन करें बजरंग बाण का पाठ बजरंग बाण का पाठ करने से वह इच्छित कार्य पूर्ण हो सकता हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बजरंग बाण का पाठ, तो आइए जानते हैं।Bajrang baan path: विशेष कार्यों की सिद्धि के लिए मंगलवार के दिन करें बजरंग बाण का पाठ

बजरंग बाण का पाठ—

जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।

जनके काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै।

जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा।

आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका।

जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा।

बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर यमकातर तोरा।

अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा।

लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर मह भई।

अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी।

जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होइ दुख करहु निपाता।

जय गिरिधर जय जय सुखसागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर।

ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले।

गदा बज्र लै बैरिहि मारो। महारज प्रभु दास उबारो।

ओंकार हुंकार महाबीर धावो। वज्र गदा हनु बिलम्ब न लावो।

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा।

सत्य होहु हरि शपथ पायके। राम दूत धरु मारु जायके।

जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा।

पूजा जप त​प नेम अचारा। नहिं जानत हौं दा तुम्हारा।

वन उपवन मग ​गिरिगृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।

पांय परौं कर जोरि मनावौं। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।

जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकर सुवन वीर हनुमंता।

बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रति पालक।

भूत प्रेत पिशाच निशाचर, अग्नि बैताल काल मारीमर।

इन्हें मारु तोहिं सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की।

जनक सुता हरिदास कहावो। ताकी सपथ विलंब न लावो।

जय जय जय धुनि होत अकाशा। सुमिरत होत दुसह दुख नाशा।

चरण-शरण कर जोरि मनावौं। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।

उठु-उठु चलु तोहिं राम दोहाई। पांय परौं कर जोरि मनाई।

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता।

ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल। ओम सं सं सहमि पराने खल दल।

अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होत आनंद हमारो।

यहि बजरंग बाण जेहि मारे। ताहि कहो फिर कौन उबारे।

पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करैं प्राण की।

यह बजरंग बाण जो जापै। तेहि ते भूत प्रेत सब कांपै।

धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तनु नहिं रहे कलेशा।Bajrang baan path: विशेष कार्यों की सिद्धि के लिए मंगलवार के दिन करें बजरंग बाण का पाठ

 

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