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मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में आ सकती है 9.5% की गिरावट:आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। दरअसल मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन चली समीक्षा बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने यह अनुमान व्यक्त किया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोनावायरस और लॉकडाउन का
मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में आ सकती है 9.5% की गिरावट:आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
दरअसल मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन चली समीक्षा बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने यह अनुमान व्यक्त किया है।

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोनावायरस और लॉकडाउन का असर अब धीरे-धीरे कम होने लगा है और महामारी के खिलाफ लड़ाई अब अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है और मौजूदा स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। हमें अब अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थाई है। लेकिन चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान है। उन्होंने कृषि परिदृश्य उज्ज्वल होने की बात कही। साथ ही कच्चे तेल की कीमतें भी दायरे में रहने की उम्मीद जताई है।

दास ने कहा कि जीडीपी में चालू वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और जनवरी-मार्च तिमाही में यह सकारात्मक दायरे में पहुंच सकती है।

वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने आज रेपो रेट का भी ऐलान कर दिया। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया और इसे 4 फीसदी पर बनाए रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के सदस्यों ने एकमत से रेपो रेट की दरें न बदलने का फैसला किया।

आपको बता दे की इससे पहले केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी अनुमान के अनुसार पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है।

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