सीएम गहलोत ने विधानसभा में खोला बजट पिटारा
मंदी के दौर से गुजर रहे आर्थिक हालातों के बीच गहलोत सरकार ने बजट 2020 को पेश किया है। सीएम गहलोत के इस कार्यकाल का ये दूसरा बजट पिटारा है, जो आज विधानसभा में खोला गया है। बजट पिटारे से युवा, महिला, गरीब, किसान, मध्यमवर्ग, कारोबार जगत को भी कई उम्मीदें है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को विधानसभा में प्रदेश के वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया है।
राजस्थान विधान सभा में बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अर्थव्यवस्था बूरे दौर से गुजर रही है। ऐसे में बजट से लोगों को काफी उम्मींदे हैं। प्रदेश की लोगों की अपेक्षा के मुताबिक राजस्थान का बजट खरा उतरे। बता दें कि इस वित्त वर्ष में राजस्व की कमी के चलते सरकार योजनाओं पर लक्ष्य के अनुसार खर्च नहीं कर सकी है। पिछले बजट में लगाए गए आय के अनुमान के हिसाब से सरकार लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाई है। दिंसबर 2019 तक सरकार को राजस्व का 61.65 प्रतिशत ही लक्ष्य प्राप्त कर सकी थी।
गहलोत सरकार के इस बजट में नौकरियों को लेकर ऐलान हो सकता है। चिकित्सा, शिक्षा, पुलिस और ग्रामीण विकास विभाग में नई भर्ती की संभावना है। ऐसे में नौकरियों की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए सरकार का यह बजट बड़ा तोहफा हो सकता है। स्वरोजगार, पेयजल और महिला सुरक्षा को लेकर भी बजट से आशा है। हालांकि, राजस्थान के बजट पर केंद्रीय बजट का असर पड़ सकता है। केंद्रीय बजट में राज्य के हिस्से में करीब 20 हजार करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। इसके चलते सरकार के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की कमी सर दर्दी साबित हो रहा है।