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बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट ले कर लड़ सकते हैं राजन तिवारी

बिहार के राजनीति में बाहुबलियों की एक लंबी कतार है जिसमें से एक नाम राजन तिवारी का भी आता है । राजन तिवारी एक ऐसा नाम है जो गुनाहों की दुनिया के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी सालों से गूंज रहा है। इसके पहले राजन तिवारी बिहार के गोविंदगंज क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट ले कर लड़ सकते हैं राजन तिवारी

बिहार के राजनीति में बाहुबलियों की एक लंबी कतार है जिसमें से एक नाम राजन तिवारी का भी आता है । राजन तिवारी एक ऐसा नाम है जो गुनाहों की दुनिया के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी सालों से गूंज रहा है। इसके पहले राजन तिवारी बिहार के गोविंदगंज क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं।
राजन तिवारी श्री प्रकाश शुक्ला के गिरोह के एक सक्रिय सदस्य रह चुके हैं जो की श्री प्रकाश शुक्ला के एनकाउंटर के बाद यूपी पुलिस से बचने के लिए बिहार का रुख कर लिए थे और बिहार में अपना गिरोह फिर से बनाना शुरू कर दिया था। राजन तिवारी पहली बार देश में तब चर्चा में आए थे जब उनका नाम यूपी के विधायक वीरेंद्र प्रताप शाही के ऊपर जानलेवा हमले में सामने आया। सबूतों के अभाव में सन 2014 में राजन तिवारी को वीरेंद्र प्रताप शाही पर किए गए जानलेवा हमले में बरी कर दिया गया था।
दूसरी बार राजन तिवारी का नाम बिहार सरकार के मंत्री बृजबिहारी प्रसाद के हत्या में सामने आया था जिसमें भी उन्हें 2014 में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
राजन तिवारी ने 2019 लोकसभा चुनाव के ठीक पहले में लखनऊ से भाजपा की सदस्यता ली थी लेकिन विवादों के कारण उन्हें साइडलाइन कर दिया गया था। इसके पहले 2016 में उन्होंने बसपा ज्वाइन किया था पर टिकट ना मिलने के कारण फिर से बीजेपी का रुख कर लिया। इन दिनों वह दोबारा बिहार विधानसभा चुनाव में सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं।
एक समय में लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे राजन तिवारी आज तेजस्वी यादव की कमियां गिना रहे हैं और एलजेपी और भाजपा की जोड़ी को अटूट बता रहे हैं। माना जा रहा है कि बृज बिहारी प्रसाद की हत्या में राजन तिवारी के साथ जेल जाने वाले सूरज भान सिंह की मदद से एलजेपी में जाने की कोशिश कर रहे हैं अब देखना यह है कि भाजपा और एलजेपी में से कौन उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव का टिकट देता है।

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