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कृषि विधेयक के विरोध में पंजाब में शुरू हुआ रेल रोको आन्दोलन,रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान

कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को संसद की मंजूरी मिल गई है, मगर इस विरोरोध थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। आज से किसान बिलों के विरोध में कांग्रेस ने देशव्यापी प्रदर्शन करने का फैसला किया है, वहीं पंजाब में भी आज से रेल रोको आंदोलन शुरू हो गया हैं।यह आंदोलन तीन दिन चलेगा,जिसके
कृषि विधेयक के विरोध में पंजाब में शुरू हुआ रेल रोको आन्दोलन,रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान

कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को संसद की मंजूरी मिल गई है, मगर इस विरोरोध थमने का नाम नहीं ले रहा हैं।
आज से किसान बिलों के विरोध में कांग्रेस ने देशव्यापी प्रदर्शन करने का फैसला किया है, वहीं पंजाब में भी आज से रेल रोको आंदोलन शुरू हो गया हैं।यह आंदोलन तीन दिन चलेगा,जिसके मद्देनजर कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। अमृतसर,फिरोजपुर समेत कई जिलों में किसान ट्रैक पर लेटे और धरना देते नजर आए।

किसानों के आंदोलन को द्खते हुए रेलवे ने 24 से 26 सितंबर तक पंजाब में रेल परिचालन रद्द कर दिया है.24 से 26 सितंबर तक कोई भी यात्री व पार्सल ट्रेन पंजाब नहीं जाएगी. ट्रेनों को अम्बाला कैंट,सहारनपुर और दिल्ली स्टेशन पर टर्मिनेट किया जाएगा। अम्बाला-लुधियाना व अम्बाला-चंडीगढ़ रेलमार्ग बंद रहेगा. 3 दिनों में 34 ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट, रद्द व रुट डायवर्ट किया जाएगा।इनमें 26 यात्री ट्रेनें हैं जबकि 8 पार्सल ट्रेन हैं।

वहीं गृह विभाग की ओर से जिला उपायुक्तों को 24 से 26 सितंबर तक 48 घंटे के बंद और रेल रोको आंदोलन के दौरान अलर्ट रहने को कहा गया है। हिदायत दी गई है कि किसानों के प्रति नरम रवैया अपनाया जाए और उन पर कोई सख्त जबरदस्ती न की जाए।

इसके साथ ही एंबुलेंस सेवा, सिविल सर्जनों, डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी तैयार रखने को कहा गया है ताकि प्रदर्शनों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना में घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके।

आपको बता दे की इन कृषि बिलों को लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिल चुकी है और अब ये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास हैं। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे इन बिलों को अपनी स्वीकृति न दें। वे चाहते हैं कि सरकार इन बिलों को वापस ले ले।

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