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अंतरिक्ष में किये इस प्रयोग से क्वांटम कणों की सुलझेगी गुत्थी

जयपुर। भौतिकी के कई राज़ है जो इंसानों को पता नहीं है लेकिन इसके बारे में ये समय समय पर शोध कर कई खुलासे करता रहता है। इसी दिशा में क्वांटम भी एक राज़ है बता दे कि ये एक भौतिक घटना है, जो कि तब होती है जब युग्म या कणों के समूह उत्पन्न
अंतरिक्ष में  किये इस प्रयोग से क्वांटम कणों की सुलझेगी गुत्थी

जयपुर। भौतिकी के कई राज़ है जो इंसानों को पता नहीं है लेकिन इसके बारे में ये समय समय पर शोध कर कई खुलासे करता रहता है। इसी दिशा में क्वांटम भी एक राज़ है बता दे कि ये एक भौतिक घटना है, जो कि तब होती है जब युग्म या कणों के समूह उत्पन्न होते हैं। इसकी खास बात तो ये है कि प्रत्येक कण की क्वांटम अवस्था को दूसरों के स्वतंत्र रूप में वर्णित नहीं किया जा सकता है। लेकिन वो कण एक दूजे से अलग हो जाते हैं। इसी गुत्थी को सुलझाने के लिए शोधकर्ताओं ने पहली बार अंतरिक्ष में क्वांटम उलझाव की घटना को अंजाम दिया है।अंतरिक्ष में  किये इस प्रयोग से क्वांटम कणों की सुलझेगी गुत्थी

आपको जानकारी दे दे कि यह एक उपग्रह के द्वारा संपन्न की गई, जो कि अंतरिक्ष में अपनी कक्षा में चक्कर लगा रहा था और उन क्वांटम कणों को वापस सुरक्षित पृथ्वी पर लाया गया। बता दे कि इनको 750 मील दूर स्थित दो अलग-अलग प्रयोगशालाओं में रखा गया है। शोधकर्ताओं का दावा है कि इससे अंतरिक्ष के कई रहस्य सुलझेंगे। चीन की यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के भौतिकविद् जियान वी पेन और उनके साथियों ने ये शानदार प्रयोग किया है। बता दे कि चीन के मीकियस उपग्रह की मदद से ये प्रयोग किया है।अंतरिक्ष में  किये इस प्रयोग से क्वांटम कणों की सुलझेगी गुत्थी

जानकारी दे दे कि इससे पहले क्वांटम फोटोंस की उलझाव का रिकॉर्ड 86 मील तक ही था। बता दे कि इस प्रयोग में फाइबर ऑप्टिक कैबल्स का इस्तेमाल किया जाता था, ताकी क्वांटम फोटोंस को दूर-दूर रखा जा सके ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि फाइबर्स लाइट को अवशोषित कर लेता है, जिसके कारण से क्वांटम कणों का कुछ प्रतिशत कैबल्स में कम हो जाता है। जानकारी दे दे कि इस सफल प्रयोग के बाद अगली योजनाओं में क्वांटम कणों को विपरीत दिशाओं में भेजने की योजना है।अंतरिक्ष में  किये इस प्रयोग से क्वांटम कणों की सुलझेगी गुत्थी

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