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Purushottam ekadashi 2020: जानिए पुरुषोत्तम एकादशी का महत्व और व्रत कथा

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही खास माना गया हैं वही हर तीसरे साल पुरुषोत्तम मास में पड़ने वाली पुरुषोत्तमा एकादशी इस बार 27 सितंबर दिन रविवार को पड़ रही हैं जिसे कमला एकादशी के नाम से जाना जाता हैं इस तिथि को भगवान कृष्ण ने उत्तम तिथियों में से एक माना जाता
Purushottam ekadashi 2020: जानिए पुरुषोत्तम एकादशी का महत्व और व्रत कथा

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही खास माना गया हैं वही हर तीसरे साल पुरुषोत्तम मास में पड़ने वाली पुरुषोत्तमा एकादशी इस बार 27 सितंबर दिन रविवार को पड़ रही हैं जिसे कमला एकादशी के नाम से जाना जाता हैं इस तिथि को भगवान कृष्ण ने उत्तम तिथियों में से एक माना जाता हैं जिसका व्रत करने से श्रीमहालक्ष्मी की अनुकूल कृपा प्राप्त होती हैं Purushottam ekadashi 2020: जानिए पुरुषोत्तम एकादशी का महत्व और व्रत कथाइस दिन घर में जप करने का एक गुना, गौशाला में जप करने पर सौ गुना, पुण्य क्षेत्र और तीर्थ में हजारों गुना, तुलसी के समीप जप और जनार्दन की पूजा करने से लाखों गुना, शिव और श्री विष्णु के क्षेत्रों में करने से करोड़ों गुना फल की प्राप्ति होती हैं तो आज हम आपको इस व्रत की कथा बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Purushottam ekadashi 2020: जानिए पुरुषोत्तम एकादशी का महत्व और व्रत कथा

कथा के मुताबिक धर्मराज युधिष्ठिर के द्वारा इस एकादशी के विषय में पूछे जाने पर श्री कृष्ण ने कहा उज्जयिनी नगरी में शिवशार्म नामक एक श्रेष्ठ ब्राह्मण रहते थे उनके पांच पुत्र थे। उनमें से सबसे छोटे पुत्र का नाम जयशर्मा था जो धर्मभ्रष्ट होकर पाप मार्ग की ओर चल पड़ा।

Purushottam ekadashi 2020: जानिए पुरुषोत्तम एकादशी का महत्व और व्रत कथा

जिसके कारण उसके माता पिता और बंधु बांधव अत्यंत दुखी रहने लगे। उसका कुमार्ग इतना प्रबल हो गया कि स्वजनों ने उसका परित्याग कर दिया। बुरे कार्मों में लीन रहने के कारण कुछ काल के बाद माता पिता ने भी उसे घर से निकाल दिया। वह वन की ओर चला गया और घूमते घूमते एक दिन तीर्थराज प्रयाग जा पहुंचा।Purushottam ekadashi 2020: जानिए पुरुषोत्तम एकादशी का महत्व और व्रत कथा

भूख से व्याकुल उसने त्रिवेणी में स्नान किया और निकट ही हरिमित्र मुनि के आश्रम में जा पहुंचा। वहां पर ब्राह्मणों द्वारा सभी पापों का नाश करने वाली कमला एकादशी की महिमा सुी जो परम पुण्यमयी और भोग और मोक्ष प्रदान करने वाली हैं। जय शर्मा ने भी विधि पूर्वक कमला एकादशी की कथा सुनकर मुनियों के आश्रम में ही व्रत किया जब आधी रात हुई तो श्रीमहालक्ष्मी उसके पास आकर बोली। Purushottam ekadashi 2020: जानिए पुरुषोत्तम एकादशी का महत्व और व्रत कथाकमला एकादशी व्रत के उत्तम प्रभाव से मैं तुम पर बहुत प्रसन्न हूं और देवाधिदेव श्रीहरि की आज्ञा पाकर बैकुंठधाम से तुम्हें वर देने आई हूं। जयशर्मा ने कहा कि माता अगर आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो वह व्रत बताइए जिसकी कथा में साधु संत हमेशा संलग्न रहते हैं जब माता ने पुरुषोत्तम एकादशी व्रत के बारे में बताया और उस व्रत को करने से जय शर्मा की सभी मनोकामनाएं पूरी हो गई। Purushottam ekadashi 2020: जानिए पुरुषोत्तम एकादशी का महत्व और व्रत कथा

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