Samachar Nama
×

प्रदर्शनकारी किसानों ने Guru Nanak Jayanti पर कीर्तन सुने

दिल्ली में विरोध स्थल को लेकर केंद्र सरकार के साथ गतिरोध के बीच दिल्ली-हरियाणा सीमा के सिंघू बॉर्डर एंट्री पॉइंट पर रैली कर रहे किसानों ने पहले सिख गुरु की जयंती पर सोमवार को कीर्तन सुना और उनकी शिक्षाओं को याद किया। पंजाब के अधिकांश किसान – और सिख धर्म के अनुयायी – पांच दिनों
प्रदर्शनकारी किसानों ने Guru Nanak Jayanti पर कीर्तन सुने

दिल्ली में विरोध स्थल को लेकर केंद्र सरकार के साथ गतिरोध के बीच दिल्ली-हरियाणा सीमा के सिंघू बॉर्डर एंट्री पॉइंट पर रैली कर रहे किसानों ने पहले सिख गुरु की जयंती पर सोमवार को कीर्तन सुना और उनकी शिक्षाओं को याद किया। पंजाब के अधिकांश किसान – और सिख धर्म के अनुयायी – पांच दिनों से सिंघु सीमा पर डेरा जमाए हुए हैं और जंतर मंतर या रामलीला मैदान में अपना प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन करने के लिए अड़े हुए हैं। इन सबके बीच, इनके नेता भविष्य में उठाए जाने वाले कदम को लेकर विचार-विमर्श में व्यस्त हैं।

सोमवार को विरोध स्थल पर पूरी तरह बदला हुआ माहौल नजर आया। किसानों और पुलिस अधिकारियों के बीच पिछले हफ्ते दिल्ली में प्रवेश करने को लेकर काफी झड़प हुई थी। गुरु नानक देव की 501वीं जंयती पर आस्था के रंग देखने को मिले और किसान कीर्तन सुनते नजर आए।

इस बीच, किसान नेता केंद्र सरकार के साथ बातचीत के लिए अपने रुख पर अड़े दिख रहे थे क्योंकि उन्होंने बुराड़ी मैदान में जाने के प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया था।

एक किसान नेता ने आईएएनएस को बताया, “हम उत्तर-पश्चिम दिल्ली के बुराड़ी मैदान में शिफ्ट नहीं होंगे क्योंकि यह हमें दरकिनार करने और उनके कृषि कानूनों के खिलाफ हमारे विरोध को नाकाम करने की एक चाल है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान – ज्यादातर पंजाब और हरियाणा से हैं – सिंघु और टिकरी सीमाओं पर तब तक डटे रहेंगे, जब तक सरकार इन कानूनों को रद्द नहीं करती।

इस बीच, आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस उपायुक्त ने सोमवार को किसान नेताओं के साथ एक बैठक की और उनसे सुरक्षा बलों की आसान आवाजाही की सुविधा के लिए दिल्ली-अंबाला राजमार्ग का हिस्सा खाली करने का आग्रह किया।

प्रदर्शनकारी किसानों को उनके नेतृत्व द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि वे अगले निर्देश तक जहां हैं वहीं बने रहें।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने भी कहा है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी गाजीपुर में प्रवेश मार्ग पर डटे रहने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, “हम इस स्थल को नहीं छोड़ेंगे। हम बुराड़ी नहीं जाएंगे। केंद्र को आगे आकर किसानों की बात सुननी चाहिए।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि वह मेहनती किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं, और केंद्र के नए कृषि कानून इस दिशा में एक कदम हैं।

श्रनयूज स्त्रोत आईएएनएस

Share this story