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Punjab में प्रदर्शनकारी किसान सिर्फ मालगाड़ियां चलने देंगे

पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अपील को ध्यान में रखते हुए 30 प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने बुधवार को 5 नवंबर तक मालगाड़ियों के चलने की अनुमति देने का फैसला किया है। इस दौरान राज्य में यात्री ट्रेन सेवाएं बहाल नहीं हो सकेंगी। हालांकि, भाजपा नेताओं, कॉर्पोरेट घरानों और टोल प्लाजा के खिलाफ उनका धरना-प्रदर्शन
Punjab में प्रदर्शनकारी किसान सिर्फ मालगाड़ियां चलने देंगे

पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अपील को ध्यान में रखते हुए 30 प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने बुधवार को 5 नवंबर तक मालगाड़ियों के चलने की अनुमति देने का फैसला किया है। इस दौरान राज्य में यात्री ट्रेन सेवाएं बहाल नहीं हो सकेंगी। हालांकि, भाजपा नेताओं, कॉर्पोरेट घरानों और टोल प्लाजा के खिलाफ उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। किसान संगठन आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए चार नवंबर को बैठक करेंगे।

यह निर्णय 30 किसानों के निकायों की ओर से बुधवार को यहां की गई एक बैठक में लिया गया। इससे एक दिन पहले पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से तीन विधेयकों को पारित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कथित ‘काले’ कृषि कानूनों को औपचारिक रूप से खारिज कर दिया।

भारतीय किसान यूनियन (राजोवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजोवाल ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि राज्य सरकार द्वारा लाए गए विधेयकों ने केंद्रीय कानूनों के खिलाफ उनके आंदोलन को मजबूत किया है।

राजोवाल ने आईएएनएस से कहा, “यह (विधेयकों का पारित होना) हमारी लड़ाई में बड़ी उपलब्धि है।”

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मालगाड़ियों को चलने की अनुमति देने का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने राज्यभर में अपना आंदोलन वापस ले लिया है।

उन्होंने कहा, “मोदी सरकार के खिलाफ हमारा विरोध जारी रहेगा।”

विधेयकों के पारित होने पर, राजोवाल ने कहा कि यह पहली बार है कि केंद्रीय कानूनों को नकारने के लिए विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया गया।

बता दें कि मोदी सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। वहीं पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार इसके खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिया है।

पंजाब विधानसभा ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किया है। विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों के बीच यह प्रस्ताव पारित किया गया।

हालांकि इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के विधेयक सदन से अनुपस्थित रहे।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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