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बेलारूस में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज़,पुतिन करेंगे मदद

बेलारूस में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। यहां रविवार को राजधानी मिंस्क में सरकार के त्यागपत्र की मांग को लेकर अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन हुआ। पिछले हफ्ते अलेक्जेंडर लुकाशेंको के दोबारा से राष्ट्रपति बनने के बाद से लगातार उनका विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लुकाशेंको पर चुनाव में धांधली के
बेलारूस में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज़,पुतिन करेंगे मदद

बेलारूस में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। यहां रविवार को राजधानी मिंस्क में सरकार के त्यागपत्र की मांग को लेकर अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन हुआ। पिछले हफ्ते अलेक्जेंडर लुकाशेंको के दोबारा से राष्ट्रपति बनने के बाद से लगातार उनका विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लुकाशेंको पर चुनाव में धांधली के आरोप लग रहे हैं।प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की हिंसा और चुनावों में कथित धोखाधड़ी के ख़िलाफ़ बेलारूस में लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है।

बेलारूस में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज़,पुतिन करेंगे मदद

इसी बीच पता चला है कि राष्ट्रपति लुकाशेंको ने इस सप्ताहा में दो बार रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से बात की है। रूस ने बेलारूस को बाहरी सैन्य दख़ल की स्थिति में सुरक्षा मदद मुहैया कराने का भरोसा दिया है। रूस ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वह लुकाशेंको को सैन्य मदद की पेशकश करेगा, लेकिन विरोध प्रदर्शन में पुलिस की कोई मौजूदगी नहीं थी, जिसकी वजह से लगभग 2,00,000 लोग इन प्रदर्शनों में शामिल हुए।यदि रूस बेलारूस के राष्ट्रपति के समर्थन में सेना भेजता है तो ख़तरा ये है कि इससे बेलारूस के आम लोग रूस के ख़िलाफ़ हो सकते हैं। रूस बेलारूस को अपने प्रभाव क्षेत्र में ही रखना चाहता है। रूस का अंतिम मक़सद तो यही है कि पड़ोसी बेलारूस से उसके संबंध और गहरे हों। रूस अपने आप को फिर से संघीय राष्ट्र के तौर पर स्थापित करना चाहता है जिसके केंद्र में राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन हों। रूस राजनीतिक प्रभाव से भी ऐसा हासिल कर सकता है।

बेलारूस में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज़,पुतिन करेंगे मदद

रूस को डर ये है कि उसके दरवाज़े पर कहीं एक और क्रांति दस्तक न दे दे। लेकिन मिंस्क 2020 कीएफ़ 2014 नहीं है। बेलारूस पश्चिम और पूर्व के बीच में से किसी एक को नहीं चुन रहा है।

वहीं चुनावी मतदान के बाद से यहां कम से कम दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है और हजारों लोगों को हिरासत में लिया गया है।
बीते रविवार को हुए चुनावों में लूकाशेंको के इकतरफ़ा जीत हासिल करने का दावा करने के बाद से ही बेलारूस में ताज़ा तनाव शुरू हुआ है। आरोप हैं कि राष्ट्रपति ने चुनावों को प्रभावित किया।

बेलारूस में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज़,पुतिन करेंगे मदद

केंद्रीय चुनाव आयोग का कहना है कि 1994 से बेलारूस की सत्ता पर काबिज़ लूकाशेंको ने 80.1 प्रतिशत मत हासिल किए जबकि मुख्य विपक्षी उम्मीदवार स्वेतलाना तीखानोवस्काया ने 10.12 प्रतिशत मत हासिल किए।

बेलारूस के लोग अपने ही लोगों पर सुरक्षाबलों की बर्बरता के ख़िलाफ़ है। लोगों में ग़ुस्सा इतना ज़्यादा है कि पारंपरिक तौर पर उनके समर्थक रहे यूनियन वर्कर भी अब उनका साथ छोड़ने लगे हैं।

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