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प्रयागराज कुंभ: जानें कुंभ के आकर्षण का केंद्र नागा साधुओं के इतिहास के बारे में

जयपुर। आदिगुरु शंकराचार्य ने सनातन धर्म के वर्तमान स्वरूप की नींव रखी थी। शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी के मध्य में भारतीय जनमानस की दशा और दिशा को सुधारने के लिए सनातन धर्म की फिर से नींव रखी। शंकराचार्य ने सनातन धर्म की स्थापना करने के शंकराचार्य ने देश के चार कोनों पर चार पीठों का
प्रयागराज कुंभ: जानें कुंभ के आकर्षण का केंद्र नागा साधुओं के इतिहास के बारे में

जयपुर। आदिगुरु शंकराचार्य ने सनातन धर्म के वर्तमान स्वरूप की नींव रखी थी। शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी के मध्य में भारतीय जनमानस की दशा और दिशा को सुधारने के लिए सनातन धर्म की फिर से नींव रखी। शंकराचार्य ने सनातन धर्म की स्थापना करने के शंकराचार्य ने देश के चार कोनों पर चार पीठों का निर्माण कराया इसमें गोवर्धन पीठ, शारदा पीठ, द्वारिका पीठ और ज्योतिर्मठ पीठ है। इसके साथ ही आदिगुरू ने मठों-मन्दिरों की रक्षा के लिए अखाडों का स्थापना की शुरुआत किया।

प्रयागराज कुंभ: जानें कुंभ के आकर्षण का केंद्र नागा साधुओं के इतिहास के बारे में

आदिगुरू शंकराचार्य ने सामाजिक अशांति व सामाजिक चुनौतियों का सामना करने के लिए शंकराचार्य ने युवा साधुओं को व्यायाम कर अपने शरीर को सुदृढ़ बनाने के लिए व मठों में व्यायाम व शस्त्र संचालन का अभ्यास कराया जाने लगा। इसके साथ ही मठों को अखाड़ा कहा जाने लगा।

प्रयागराज कुंभ: जानें कुंभ के आकर्षण का केंद्र नागा साधुओं के इतिहास के बारे में

शंकराचार्य ने  अखाड़ों, मठ को मंदिरों और श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए जरूरत के पडऩे पर शक्ति का प्रयोग करने के लिए तैयार किया। इतिहास में ऐसे कई गौरवपूर्ण युद्धों के बारे मे बताया गया है जिनमें 40 हजार से ज्यादा नागा योद्धाओं ने हिस्सा लिया। इतिहास में अहमद शाह अब्दाली के द्वारा मथुरा-वृन्दावन व गोकुल पर आक्रमण के समय नागा साधुओं ने उसकी सेना का मुकाबला कर गोकुल की रक्षा की थी।

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नागा साधुओं के प्रमुख अखाड़े :-

भारत में प्रमुख 13 अखाड़ें हैं, यहां पर नागा साधुओं को अस्त्र शस्त्र चलाना भी सिखाया जाता है। अखाड़ों में भारतीय संस्कृति और दर्शन के सनातनी मूल्यों का अध्ययन कराया जाता है व इसका अनुपालन कर संयमित जीवन व्यतीत करना होता है। 13 प्रमुख अखाड़े में श्री निरंजनी अखाड़ा, श्री जूनादत्त या जूना अखाड़ा, श्री महानिर्वाण अखाड़ा, श्री अटल अखाड़ा, श्री आह्वान अखाड़ा, श्री आनंद अखाड़ा, श्री पंचाग्नि अखाड़ा, श्री नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा, श्री वैष्णव अखाड़ा, श्री उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा, श्री उदासीन नया अखाड़ा, श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा।

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