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प्रदोष व्रत में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

प्रदोष के दिन या नियमित प्रदोषकाल में भगवान शिव की आराधना करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही निरोगी काया का भी सुख मिलता है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति कुंडलिनी जागरत्र करना चाहता है तो उसे शिव तांडव स्तोत्र का 1008 बार पाठ करने से कामना सिद्ध होगी इस के पाठ से जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रहेगा।शिव तांडव स्तोत्र एक जागृत और सिद्ध स्तोत्र है। इस स्तोत्र का पाठ करते समय उच्चारण की शुद्धता रखें।
प्रदोष व्रत में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

जयपुर। आज प्रदोष का व्रत में भगवान शिव की पूजा आराधना की जाएगी। आज के दिन त्रयोदशी तिथि होने से इस तिथि पर प्रदोष का व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत में शाम के समय भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है, साथ ही इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आज का दिन विशेष शुभ माना जाता है।

प्रदोष व्रत में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

शास्त्रों में माना जाता है कि सावन के सोमवार, शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के साथ ही एक प्रदोष का व्रत ही ऐसा है जिसमें भगवान शिव की पूजा कर उनको प्रसन्न करने का दिन माना जाता है। लेकिन हम में से कई लोगो को इस बारे में जानकारी नहीं होती है कि प्रदोष व्रत में भगवान शिव की आराधना किस विधि से करना चाहिए। जिससे भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं। आज हम इस लेख में इस विषय के बारे में बता रहें हैं।

प्रदोष व्रत में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

  • प्रदोष के दिन या नियमित प्रदोषकाल में भगवान शिव की आराधना करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही निरोगी काया का भी सुख मिलता है।
  • ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति कुंडलिनी जागरत्र करना चाहता है तो उसे शिव तांडव स्तोत्र का 1008 बार पाठ करने से कामना सिद्ध होगी इस के पाठ से जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रहेगा।

प्रदोष व्रत में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

  • शिव तांडव स्तोत्र एक जागृत और सिद्ध स्तोत्र है। इस स्तोत्र का पाठ करते समय उच्चारण की शुद्धता रखने के साथ ही इसे धीरे-धीरे आराम से पढ़ा जाना चाहिए।
  • इस स्तोत्र के पाठ करते समय बीच में नहीं बोलना चाहिए। पाठ को पूर्ण ध्यान और एकाग्रता से करना चाहिए।
  • जब तक स्तोत्र याद ना हो जाए तब इसका पाठ करते समय नेत्र की सीधे सामने भगवान शिव की मूर्ती या शिवलिंग रखें।

प्रदोष व्रत में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

प्रदोष के दिन या नियमित प्रदोषकाल में भगवान शिव की आराधना करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही निरोगी काया का भी सुख मिलता है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति कुंडलिनी जागरत्र करना चाहता है तो उसे शिव तांडव स्तोत्र का 1008 बार पाठ करने से कामना सिद्ध होगी इस के पाठ से जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रहेगा।शिव तांडव स्तोत्र एक जागृत और सिद्ध स्तोत्र है। इस स्तोत्र का पाठ करते समय उच्चारण की शुद्धता रखें। प्रदोष व्रत में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

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