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हमारे देश में बनेंगी निमोनिया की पहली वैक्सीन, ट्रायल के बाद जल्दी ही होंगी भारत में लॉन्च

जयपुर।मानसून के मौसम में छोटे बच्चों में निमोनिया होने का खतरा अधिक रहता है।ऐसे में 2 से लेकर 15 साल तक बच्चों को निमोनिया वैक्सीन का टीका लगाया जाता है।निमोनिया की वैक्सीन छोटे बच्चों को बैक्टीरियल, वायरल और फंगल निमोनिया से बचाव करने में मदद करती है।बच्चों में इस वैक्सीन का अधिकत्तर इस्तेमाल टीकाकरण के
हमारे देश में बनेंगी निमोनिया की पहली वैक्सीन, ट्रायल के बाद जल्दी ही होंगी भारत में लॉन्च

जयपुर।मानसून के मौसम में छोटे बच्चों में निमोनिया होने का खतरा अधिक रहता है।ऐसे में 2 से लेकर 15 साल तक बच्चों को निमोनिया वैक्सीन का टीका लगाया जाता है।निमोनिया की वैक्सीन छोटे बच्चों को बैक्टीरियल, वायरल और फंगल निमोनिया से बचाव करने में मदद करती है।बच्चों में इस वैक्सीन का अधिकत्तर इस्तेमाल टीकाकरण के दौरान किया जाता है।

हमारे देश में बनेंगी निमोनिया की पहली वैक्सीन, ट्रायल के बाद जल्दी ही होंगी भारत में लॉन्चजो कि पहले विदेशों से मंगवाई जाती थी।लेकिन अब हमारे देश में भी निमोनिया की वैक्सीन बनाई जाने वाली है।शोधकर्ताओं ने क्लिनिकल टेस्ट के बाद वैक्सीन के निर्माण व व्यापार के लिए आवेदन भेजा गया था, जिस कि अब अनुमति मिल चुकी है।

हमारे देश में बनेंगी निमोनिया की पहली वैक्सीन, ट्रायल के बाद जल्दी ही होंगी भारत में लॉन्चहमारे देश भारत को निमोनिया वैक्सीन को बनाने के लिए पहली बार लाइसेंस दिया गया है।वहीं अब इस दवा को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की भी अनुमति मिल चुकी है।सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है कि इस वैक्सीन का पूरा परीक्षण भारत में ही किया गया है और कई देश इस दवा की जांच भी कर चुके है।

हमारे देश में बनेंगी निमोनिया की पहली वैक्सीन, ट्रायल के बाद जल्दी ही होंगी भारत में लॉन्चन्यूमोकोकल पॉलीसैकराइड कंजुगेट दवा को बनाने की जिम्मेदारी पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दी गई है।भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की विज्ञप्ति में इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि निमोनिया की वैक्सीन भारत में पहली बार तैयार की जा रही है।

हमारे देश में बनेंगी निमोनिया की पहली वैक्सीन, ट्रायल के बाद जल्दी ही होंगी भारत में लॉन्चइससे पहले निमोनिया की वैक्सीन विदेशी कंपनियों के द्वारा भारत में भेजी जाती थी।लेकिन अब हमारे देश को निमोनिया वैक्सीन बनाने का लाइसेंस मिल गया है।इससे अब हमारे देश में स्वदेशी निर्मित वैक्सीन से निमोनिया के संक्रमण को कम करने में मदद मिल सकती है।

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