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संयुक्त राष्ट्र महासभा को सम्बोधित करते हुए पीएम ने यूएन पर उठाए सवाल कहा,’कोरोना से निपटने में कहां है संयुक्त राष्ट्र’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम संयुक्त राष्ट्र की आमसभा को संबोधित किया।अपने भाषण में यूएन पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री बोले,”पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है. इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली रिस्पॉन्स कहां है?” उन्होंने कहा,”विश्व के
संयुक्त राष्ट्र महासभा को सम्बोधित करते हुए पीएम ने यूएन पर उठाए सवाल कहा,’कोरोना से निपटने में कहां है संयुक्त राष्ट्र’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम संयुक्त राष्ट्र की आमसभा को संबोधित किया।अपने भाषण में यूएन पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री बोले,”पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है. इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली रिस्पॉन्स कहां है?”

उन्होंने कहा,”विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर आज मैं वैश्विक समुदाय को एक और आश्वासन देना चाहता हूं. भारत की वैक्सीन प्रोडक्शन और वैक्सीन डेलिवरी क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी।”साथ ही यह भी बताया की महामारी के इस मुश्किल समय में भी भारत के दवा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजीं हैं।

करीब 22 मिनट चले अपने इस भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र पर कई सवाल उठाए और सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा,”संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव और स्वरूप में बदलाव आज समय की मांग है,भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र के सुधार को लेकर जो प्रक्रिया चल रही है, उसके पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. भारत के लोग चिंतित हैं कि क्या ये प्रक्रिया कभी तार्किक अंत तक पहुंच पाएगी. आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के निर्णय लेने की व्यवस्था से अलग रखा जाएगा।”

विश्व की एक बड़ी महाशक्ति के तौर पर भारत का अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में न होना हैरान करता है।भारत की खूबियाँ गिनाते हुए पीएम ने यूएन से सीधा सवाल किया मोदी बोले,एक ऐसा देश, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, एक ऐसा देश, जहां विश्व की 18 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या रहती है, एक ऐसा देश, जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अनेक पंथ हैं, अनेक विचारधाराएं हैं। जिस देश ने वर्षों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने और वर्षों की गुलामी, दोनों को जिया है। जिस देश में हो रहे परिवर्तनों का प्रभाव दुनिया के बहुत बड़े हिस्से पर पड़ता है, उस देश को आखिर कब तक इंतजार करना पड़ेगा?’

पीएम मोदी ने जनरल एसेंबली के मंच पर भारत की कई उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने कहा, “400 मिलियन लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ कर भारत ने कर दिखाया। 600 मिलियन लोगों को खुले में शौच से मुक्त कर के दिखाया।” उन्होंने कहा कि ने महिला उद्यमी कको बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किया. उन्होंने कहा, “भारत उन देशों में से एक है जहां महिलाओं को 26 हफ्ते की पेड मैटरनिटी छुट्टी दी जा रही है।
आपको बता दें की प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पाकिस्तान का नाम तक नहीं लिया।दरअसल शुक्रवार को इमरान ख़ान ने अपने भारत का ज़िक्र किया था जिसके बाद कयास लाए जा रहे थे मोदी भी पाकिस्तान पर टिप्पणी कर सकते हैं, हालांकि मोदी ने पाकिस्तान का ज़िक्र कहीं नहीं किया।

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