सबसे गहरे समुद्री जीव में भी पाये जाते है प्लास्टिक के कण
जयपुर। प्लास्टिक से कोई भी जगह अछूत नहीं है। ये आपकोें कही भी दिख सकती है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने बताया है कि प्लास्टिक आपकों समुद्र के आखिरी छोर के जीव में देखने को मिल जायेगी। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्लास्टिक न केवल हमारे महासागरों के सबसे गहरे मार्ग तक पहुँचता है, बल्कि वहाँ रहने वाले जानवरों द्वारा भी निगल लिया जाता है। इसका पता डॉ. एलन जेमिसन के नेतृत्व में नए शोध से चलता है। शोधकर्ताओं ने इस शोध के बारे में बताया कि इस शोध में सबसे गहरे समुद्र के शिकार का इस्तेमाल किया गया। यह उपकरण तब तक निःशुल्क गिरावट प्रदान करता है जब तक कि यह महासागर के नीचे नहीं पहुंच जाता। अनुमान के आधार पर बताया गया है कि महासागरों में अभी भी लगभग 300 मिलियन टन प्लास्टिक है। जो कि एक साथ, 250,000 टन वजनी प्लास्टिक के पांच खरब टुकड़े अभी भी समुद्र की सतह पर तैरते हुए दिख जायेंगे। शोधकर्ताओं के अनुसार प्लास्टिक सीबेड में पहुंचने के बाद और कही नहीं जा पाती है और अंतत वो एक भारी मात्रा में समुद्र के तल में जमा हो जाती है। इसी कारण इतनी नीचे रहने वालें वहां के जीवों पर भी इसका विपरित प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक का उनमें प्रवेश करने का कारणों में वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि समुद्र की गहारई में रहने वाले जीव ऊपर से आने वाले भोजन पर ही निर्भर रहते है, अब ये चाहे प्लास्टिक ही क्यों न हो वो इसे खा लेते है। ऐसे में शोधकर्ता इनमें निष्कर्ष के बारे में बताते है कि निष्कर्ष बहुत करने वाले है। क्योंकि तथ्य यह है कि हम लगभग 11 किलोमीटर की गहराई पर रहने वाले जानवरों में प्लास्टिक के फाइबर पाये जाते हैं।