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सोलर सिस्टम से बेदखल हुआ ग्रह प्लूटो का सुरक्षा कवच है उसका चांद

जयपुर। आपको पता है किसी जमाने में सौर मंडल में नौ ग्रह हुआ करते थे और उस नौवें ग्रह का नाम था प्लूटो जिसे अब सौर मंडल से निष्कासित कर दिया गया है। इसका कारण है कि प्लूटो एक ग्रह होने की शर्तों पर खरा नहीं उतर पाया था। हाल ही में किए गए एक
सोलर सिस्टम से बेदखल हुआ ग्रह प्लूटो का सुरक्षा कवच है उसका चांद

जयपुर। आपको पता है किसी जमाने में सौर मंडल में नौ ग्रह हुआ करते थे और उस नौवें ग्रह का नाम था प्लूटो जिसे अब सौर मंडल से निष्कासित कर दिया गया है। इसका कारण है कि प्लूटो एक ग्रह होने की शर्तों पर खरा नहीं उतर पाया था। हाल ही में किए गए एक शोध से ज्ञात हुआ है कि प्लूटो का चंद्रमा केरन इसके वातावरण की रक्षा करता है। शोध में वैज्ञानिकों ने देखा कि केरन इस छोटे बर्फीले ग्रह के लिए मज़बूत रक्षा कवच की तरह काम करता है। बताया गया है कि ये सुरक्षा परत सूर्य की घातक विकिरणों से प्लूटो ग्रह से हिफाज़त करती है।सोलर सिस्टम से बेदखल हुआ ग्रह प्लूटो का सुरक्षा कवच है उसका चांद

आपको शायद इस बात का पता नहीं होगा कि सोलर सिस्टम में प्लूटो का अपने चंद्रमा केरन के साथ आकार और दूरी को लेकर एक अजीब ही नाता रखता है इसका कारण है कि केरन आकार में प्लूटो से लगभग डेढ़ गुना बड़ा है और इसी के साथ ही इनके बीच केवल 19,312 किलोमीटर की दूरी है। यह काफी चौंकाने वाले तथ्य हैं क्योंकि कोई भी चांद अपने ग्रह के इतने पास नहीं होता है। अगर पृथ्वी के चंद्रमा से तुलना की जाए तो केरन चांद के मुकाबले अपने ग्रह से तीन गुना ज्यादा करीब है। इतनी ही नहीं इसका आकार मंगल के बराबर आंका गया है।

सोलर सिस्टम से बेदखल हुआ ग्रह प्लूटो का सुरक्षा कवच है उसका चांद

जानकारी दे दे कि अमेरिका की जॉर्जा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के शोधार्थियों ने इस पर रिसर्च किया है और बताया है कि केरन प्लूटो के वातावरण को सूरज की खतरनाक रेडिएशन से बचाने का काम करता है। साथ ही शोध में ये भी बताया कि जब केरन, सूरज और प्लूटो के बीच होता है तो यह वातावरण के लिए सुरक्षा परत का काम करता है। कुछ लोग कहते है कि इन्हें देखकर किसी ऐतिहासिक प्रेमी युगल की याद आ जाती हैं।सोलर सिस्टम से बेदखल हुआ ग्रह प्लूटो का सुरक्षा कवच है उसका चांद

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