Samachar Nama
×

पितृदोष को दूर करने के सरल उपाय

श्राद्ध की शुरूआत 13 सितंबर से हो चुकी हैं वही पितृ पक्ष भाद्रपद की शुक्ल चतुर्दशी से आरम्भ हो जाते हैं वही आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक यह चलेगा। वही इन दिनों पितरों को तर्पण दिया जाता हैं वही हर साल इस तिथि को पितर धरती पर आते हैं और उनकी सेवा की जाती हैं। वही ज्योतिषशास्त्रों के अनुसार कुंडली के नवम भाव को पूर्वजों का स्थाना माना जाता हैं
पितृदोष को दूर करने के सरल उपाय

श्राद्ध की शुरूआत 13 सितंबर से हो चुकी हैं वही पितृ पक्ष भाद्रपद की शुक्ल चतुर्दशी से आरम्भ हो जाते हैं वही आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक यह चलेगा। वही इन दिनों पितरों को तर्पण दिया जाता हैं वही हर साल इस तिथि को पितर धरती पर आते हैं और उनकी सेवा की जाती हैं। पितृदोष को दूर करने के सरल उपायवही ज्योतिषशास्त्रों के अनुसार कुंडली के नवम भाव को पूर्वजों का स्थाना माना जाता हैं वही नवग्रह में सूर्य स्पष्ट रूप से पूर्वजों के प्रतीक माने जाते हैं वही किसी भी मनुष्य की कुंडली में सूर्य को बुरे ग्रहों के साथ स्थित होने से या फिर अगर बुरे ग्रहों की दृष्टि से दोष लगता हैं तो पितृदोष माना जाता हैं। जानिए पितृदोष को दूर करने के सरल उपाय।पितृदोष को दूर करने के सरल उपाय

हिंदू धर्म के गरुड़ पुराण के अनुसार परिवार में ​किसी की भी अकाल मृत्यु हो जाती हैं तो ऐसे मनुष्य की आत्मा को मुक्ति नहीं मिल पाती हैं और उनकी आत्मा मृत्यु लोक में भटकने लगती है वही ऐसा होने पर परिवार के सदस्यों को जीवन में कई तरह की परेशानियों का का सामना करना पड़ता हैं वही हिंदू धर्म शास्त्रों में यह बताया गया हैं कि ​जिन परिवार के लोग पितरों की पूजा और श्राद्ध नहीं करते हैं, उन्हें भी पितृदोष लगता हैं। पितृदोष को दूर करने के सरल उपायवही पीपल पेड़ को पूर्वजों का निवास स्थान माना जाता हैं इसलिए पीपल के पड़े को काटने या फिर उसके नीचे अशुद्धि ना फैलाएं। वही इससे पितृदोष बना रहता हैं पिता या फिर माता की मृत्यु के बाद जो कोई भी ​जीवित हो उनका अनाद नहीं करना चाहिए। इनके अनादर से मर चुके मनुष्य की आत्मा अशांत रहती हैं वही घर में लगातार पैसो की कमी और आर्थिक तंगी बनी रहती हैं वही पैसों का नुकसान भी होता हैं।पितृदोष को दूर करने के सरल उपाय

श्राद्ध की शुरूआत 13 सितंबर से हो चुकी हैं वही पितृ पक्ष भाद्रपद की शुक्ल चतुर्दशी से आरम्भ हो जाते हैं वही आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक यह चलेगा। वही इन दिनों पितरों को तर्पण दिया जाता हैं वही हर साल इस तिथि को पितर धरती पर आते हैं और उनकी सेवा की जाती हैं। वही ज्योतिषशास्त्रों के अनुसार कुंडली के नवम भाव को पूर्वजों का स्थाना माना जाता हैं पितृदोष को दूर करने के सरल उपाय

Share this story