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इस तरह से काम कर रहा है फीनिक्स यान, जानिये

जयपुर। हाल ही में नासा के फीनिक्स अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पर भेजा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह यान अपना पहला पूरा दिन मंगल ग्रह की आर्कटिक सतह पर उस मिशन की तैयारी में बिताया, जिसमें यह अध्ययन किया गया कि क्या मंगल मानव जीवन के अस्तित्व के लायक है। मंगल ग्रह की आर्कटिक
इस तरह से काम कर रहा है फीनिक्स यान, जानिये

जयपुर। हाल ही में नासा के फीनिक्स अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पर भेजा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह यान अपना पहला पूरा दिन मंगल ग्रह की आर्कटिक सतह पर उस मिशन की तैयारी में बिताया, जिसमें यह अध्ययन किया गया कि क्या मंगल मानव जीवन के अस्तित्व के लायक है। मंगल ग्रह की आर्कटिक सतह पर बर्फ के बार-बार जमने और पिघलने से दरारे आई हैं।इस तरह से काम कर रहा है फीनिक्स यान, जानिये

जानकारी मिली है कि फीनिक्स की गड्ढा खोदने वाली रोबोटिक भुजाओं की कोहनी का जोड़ अब भी आंशिक रूप से रक्षक आवरण से ढंका हुआ है। इस यान को मंगल ग्रह पर उतरने के बाद आवरण को हटा दिया गया है। आपको बता दे कि विज्ञान के वैज्ञानिकों ने इस समस्या को बहुत अधिक तवज्जो नहीं दी। वैज्ञानिक बता दे कि खुदाई के लिए अब भी भुजाओं को हिला डुला हो सकता है। पासाडेना स्थित जेल प्रोपल्सन लैबोरेटरी के उप परियोजना वैज्ञानिक डेबोरा बास ने जानकारी दी है कि यह मामूली समस्या है।इस तरह से काम कर रहा है फीनिक्स यान, जानिये

जानकारी मिली है कि फीनिक्स के मिट्टी की खुदाई करने में अभी एक हफ्ते का और समय लगेगा। इस समय मिट्टी की परतों को हटाने के लिए। बर्फ की सतह से 30 सेंटीमीटर नीचे दबी है। यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के गोल्ड अन्वेषक पीटर स्मिथ ने कहा कि यह लैंडिंग स्थल पर सिर्फ एक छोटी सी दरार देख रहा है। अब इससे कई जानकारीयां मिल है। इसकी दरारे से वैसे कोई खास जानकारी नहीं मिली है। इस तरह से काम कर रहा है फीनिक्स यान, जानिये

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