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बरमूडा त्रिभुज को किया लोगों ने बिना बजह बदनाम

जयपुर। बरमूडा त्रिभुज से संबधित अनेक वेबसाइट पर इस क्षेत्र मे हुयी कई दुर्घटनाओं की एक लंबी सूची दि गई है। लेकिन यह सच बहुत ही कम लोगों को पता है कि इनमे से अधिकतर यान बरमूडा त्रिभुज क्षेत्र से कहीं दूर किसी अन्य क्षेत्र मे लापता हुये थे। लेकिन आपकों इस बात का पता
बरमूडा त्रिभुज को किया लोगों ने बिना बजह बदनाम

जयपुर। बरमूडा त्रिभुज से संबधित अनेक वेबसाइट पर इस क्षेत्र मे हुयी कई  दुर्घटनाओं की एक लंबी सूची दि गई है। लेकिन यह सच बहुत ही कम लोगों को पता है कि इनमे से अधिकतर यान बरमूडा त्रिभुज क्षेत्र से कहीं दूर किसी अन्य क्षेत्र मे लापता हुये थे। लेकिन आपकों इस बात का पता नहीं होगा क्योंकि लापता यान कुछ समय पश्चात खोज लिये गये और उनके लापता होने का कोई वाजिब कारण था लेकिन बरमुडा त्रिभुज इसका कोई कारण नहीं था।बरमूडा त्रिभुज को किया लोगों ने बिना बजह बदनाम

इससे जुड़ी कुछ घटनाये हैं जो सच है मेरी सेलेस्टे जलयान को बिना किसी यात्री के तैरते पाया गया था और इस जलयान की सभी वस्तुये सही सलामत थी लेकिन लोगों ने इस इस घटना को बरमूडा त्रिभुज से जोड़ दिया गया लेकिन लोगों बरमुडा त्रिभुज मेशंन तो कर दिया लेकिन यान इससे कितना दूर था यह मेंशन नहीं किया इसकी वास्तविकता मे यह जलयान बरमूडा त्रिभुज क्षेत्र से सैकड़ो मील दूर था। इसी तरह की कुछ  प्रसिद्ध दुर्घटनायें है जो बरमुडा त्रिभुज से जुड़ी हुई है-

USA सायक्लोप्सबरमूडा त्रिभुज को किया लोगों ने बिना बजह बदनाम

प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान युएसएस सायक्लोप्स 1918 में सं रा अमरीका के पूर्वी समुद्री तट की रक्षा के लिए तैनात था। जानकारी दे दे कि इस जलयान को दक्षिणी अटलांटिक महासागर स्थित ब्राजील मे ब्रिटिश जलयानो को ईंधन आपूर्ति के लिये जाना था। तो 16 फरवरी को यह जलयान रीयो डी जानेरीयो से उड़ान भरा और 3-4 मार्च को बारबोडस मे कुछ समय के लिये रूका गया। और बाद में अपनी यात्रा जारी रखी लेकिन आश्चर्य की बात थी की बारबोडस से निकलने के बाद इस जलयान की कोई जानकारी नही मीली और यह जलयान लापता हो गया। इसके 306 यात्री और कर्मी बिना कोई सुराग छोडे लापता हो गये।

अमरीका नौसेना की एवेंजर उड़ानबरमूडा त्रिभुज को किया लोगों ने बिना बजह बदनाम

यह सबसे प्रचारित दुर्घटना है जिसमे नौसेना के पांच एवेंजर वायुयान रहस्यमय रूप से लापता हो गये थे। इसमें पायलट गश्त उड़ान के लिये पांच एवेंजर वायुयान से रवाना हुये। माना जाता है कि अचानक नियंत्रक टावर ने इस उड़ान के मुख्य पायलट से संदेश प्राप्त करना प्रारंभ किया और वे खो गये है और उनके दिशा निर्देशक कंपास ने कार्य करना बंद कर दिया और वायुयान कोई सुराग छोड़े बीना लापता हो गये। नौसेना के खोज अभियान के दौरान भी कोई सुराग नही मीला जो इन लापता वायुयानो पर कोई रोशनी डालता।

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