लोगों में बढ़ती उम्र के साथ बढ़ जाती है ये मनोवैज्ञानिक समस्याएं
जयपुर। आपने कभी देखा होगा कि व्यक्ति अपनी उम्र साथ ही अपने व्यवहार में कई तरह के बदलाव लाता है। क्या आप जानते है कि ऐसा किस कारण होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अकसर काम और जिम्मेदारी से मुक्त होने के बाद लोग अपने भविष्य को लेकर तरह -तरह की दुशचिंताओं में पड़ जाता है
और उसे कई तरह की मानसिक या मनोवैज्ञानिक समस्याएं घेर लेती है। उम्र के दूसरे पड़ाव में होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं एक बहस का मुददा हो सकती है। ऐसे में यह स्थित कई तरह की बीमारियों के लक्षण को प्रकट होने का संकेत देती है लेकिन यह निश्चिंत करना बड़ा कठिन होता है कि ये समस्याएं शरीर में हार्मोंस के असंतुलित होने से होता है
या मानसिक स्थिति सेजिन लोगों की पहचान उनकी नौकरी या व्यवसाय से जुड़ी रहती है वैसे लोगों को सेवानिवृति के बाद मानसिक तौर पर अस्वस्थ्य होने की संभावना अधिक रहती है।
जिन लोगों में बढती उम्र का एहसास कुछ ज्यादा होता है और वह देखने में भी बुढे लगने लगते है उनमें स्वंय को लाचार और असहाय समझने जैसी हीन भावना आ जाती है। इसके अलावा जो लोग अपनी उम्र बढने के साथ अपनी नौकरी पेशा से रिटायर होने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होते है,
उन लोगों में सेवानिवृति के बाद खास तौर पर भावनात्मक समस्याएं और प्रकट होने लगती है। इस सभी समस्याओं से बचने के लिए वैज्ञानिक बताते है कि उम्र बढने के बाद अपनी नौकरी पेशा से रिटायरमेंट होने के लिए समय रहते ही खुद को मानसिक रूप से तैयारी करना शुरू कर दे।